Move to Jagran APP

सांथा में महज 53 को मिला सौ दिन का रोजगार

विकासखंड में मनरेगा का बुरा हाल है। यहां पर मनरेगा की सुस्ती पूरे साल कायम रही जिसके कारण सौ दिन रोजगार का दावा कागजी साबित हुआ। सांथा ब्लाक में महज 53 लोगों को ही सौ दिन का रोजगार मिल सका है। जबकि यहां पर 30835 जॉब कार्ड धारक रजिस्टर्ड है। ब्लाक में 87 ग्राम पंचायतें हैं। रोजगार देने वाली परियोजना पूरी तरह से औंधे मुंह गिरी नजर आ रही है। रोजगार न मिलने से एक तरफ मजदूर पलायन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली मनरेगा के फेल होने से परिवार का खर्च चलाने में परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 10:54 PM (IST)
सांथा में महज 53 को मिला सौ दिन का रोजगार
सांथा में महज 53 को मिला सौ दिन का रोजगार

संतकबीर नगर : विकासखंड में मनरेगा का बुरा हाल है। यहां पर मनरेगा की सुस्ती पूरे साल कायम रही जिसके कारण सौ दिन रोजगार का दावा कागजी साबित हुआ। सांथा ब्लाक में महज 53 लोगों को ही सौ दिन का रोजगार मिल सका है। जबकि यहां पर 30835 जॉब कार्ड धारक रजिस्टर्ड है। ब्लाक में 87 ग्राम पंचायतें हैं। रोजगार देने वाली परियोजना पूरी तरह से औंधे मुंह गिरी नजर आ रही है। रोजगार न मिलने से एक तरफ मजदूर पलायन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली मनरेगा के फेल होने से परिवार का खर्च चलाने में परेशानी हो रही है।

loksabha election banner

सीबीआइ जांच की आंच तो नहीं बनीं बड़ी वजह

सांथा में पहले मनरेगा की गति जिले में सबसे बेहतर थी। यहां पर जमीन पर काम और भुगतान दोनों ही अव्वल रहता था। लेकिन ब्लाक में मनरेगा में हुए घोटाले की जांच सीबीआइ के करने के बाद से ही यहां पर जमीन पर काम कराने से लोग परहेज कर रहे हैं। जिसका असर है कि मनरेगा पूरी तरह से धड़ाम हो गई है। सीबीआई ने घोटालों को लेकर कई जिम्मेदार लोगों को आरोपी बनाया है जिससे लोग मनरेगा से तौबा करने लगे। महिला मजदूरों को काम न मिलने से बढ़ी परेशानी

मनरेगा चालू होने के बाद से मजदूरों की चांदी थी। पुरुष को रोजगार मिलता ही था तो महिलाएं भी घर का चूल्हा चौका करने के बाद मनरेगा में काम के लिए जाती थी। उनके खाते में जब पैसा आता था तो पूरा परिवार निहाल हो जाता था। पुरुष और महिला दोनों अपने घर के आस-पास ही रोजगार पा जाते थे लेकिन मनरेगा के मंद पड़ने से अब मजदूरों की सेहत भी ठीक नहीं है। पिछले वर्ष से अच्छी रही स्थित : बीडीओ

सांथा बीडीओ रविद्र नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि सांथा ब्लाक में पहले की अपेक्षा मजदूरों को अधिक काम दिया गया है। भले ही इस वर्ष 53 लोगों को ही सौ दिन का रोजगार मिला लेकिन इससे भ्रष्टाचार को रोकने में कामयाबी मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.