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जेई व एईएस को लेकर संवेदनशील गांवों में होगी विशेष निगरानी

जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) व एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिड्रोम (एईएस) को लेकर स्वास्थ्य महकमा जिले के संवेदनशील गांवों की विशेष निगरानी कर रहा है। जिले के कुल 28 गांव संवेदनशील है। इसमें पांच गांव उच्च प्राथमिकता वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांवों में जाकर निरन्तर लोगों को जागरूक करने में लगी हुई हैं इसके प्रभाव को रोका जा सके।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 11:03 PM (IST)
जेई व एईएस को लेकर संवेदनशील गांवों में होगी विशेष निगरानी
जेई व एईएस को लेकर संवेदनशील गांवों में होगी विशेष निगरानी

संतकबीर नगर : जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) व एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिड्रोम (एईएस) को लेकर स्वास्थ्य महकमा जिले के संवेदनशील गांवों की विशेष निगरानी कर रहा है। जिले के कुल 28 गांव संवेदनशील है। इसमें पांच गांव उच्च प्राथमिकता वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांवों में जाकर निरन्तर लोगों को जागरूक करने में लगी हुई हैं, इसके प्रभाव को रोका जा सके।

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सीएमओ डा. हरगोविद सिंह ने बताया कि जेई/ एईएस को लेकर जिले के संवेदनशील गांवों में विशेष नजर रखी जा रही है। इन गांवों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही जेई/ एईएस के विशेषज्ञ व बाल रोग विशेषज्ञों की टीम के साथ जागरूक कर रही है। गोष्ठियों के साथ ही वहां पर फागिग व अन्य जागरूकता कार्यक्रम संचालित है। बुखार होने पर तत्काल 102 या 108 डायल करके एंबुलेंस बुला ले। जिससे त्वरित उपचार किया जा सके। इन गांवो में राज्य मुख्यालय से आई हुई एलईडी वैन के जरिए जेई और एईएस पर बनी फिल्में भी दिखाई जा रही हैं। प्रभावित विशेष गांव

उच्च प्राथमिकता वाले पांच गांव में हैसर बाजार ब्लाक का बड़गोख, खलीलाबाद ब्लाक का आजमपुर, मेहदावल ब्लाक का कौवाठोर तथा नाथनगर ब्लाक के छितहीं व महुली खास गांव हैं।

प्रथम प्राथमिकता वाले तीन गांव में बघौली ब्लाक का करौंदा गांव, खलीलाबाद ब्लाक का खलीलाबाद देहात (मड़या) व सांथा ब्लाक के धर्मसिंहवा शामिल है। द्वितीय प्राथमिकता वाले 20 गांव में घौली ब्लाक के हरदी, अमरडोभा व जामडीह, हैसरबाजार के चपरा मशरिकी, नेटवाबार, नैनिहा नायक व तामां, नाथनगर ब्लाक के नाथनगर तथा हरिहरपुर गांव। पौली ब्लाक के छपरा मगरबी, पौली तथा नाखी नगुही गांव। सेमरियांवा ब्लाक के दुधारा, सेमरियांवा, उमिला, भेलवासी, बूधा कला, पैली खास गांव । खलीलाबाद के मगहर व सांथा का परसाशुक्ल गांव है। ऐसे हुआ चिह्निकरण

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह बताते हैं कि जेई व एईएस को लेकर संवेदनशील गांवों का चयन वर्ष 2017 में किया गया था। जिसमें वर्ष 2013 से लेकर 2016 के दौरान जेई और एईएस प्रभावित गावों को लेकर किया गया था। इसमें वे गांव शामिल थे जिनमें विगत वर्षों में लगातार मरीज पाए गए हो, गांव में इस दौरान कोई मृत्यु हुई हो या फिर लगातार प्रभावित रहे हों।


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