लॉकडाउन के दौरान बढ़ी मारपीट की घटनाएं
शांतिभंग की आशंका में जेल भेजने की कार्रवाई की थी।
संत कबीरनगर: लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के गांव में पहुंचते ही मारपीट की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। प्रवासी होम क्वारंटाइन किए गए पर तमाम प्रवासी घर में रहने के बजाय गांव, बाजार में घूमते रहे। भूमि विवाद, छोटी-छोटी बातों को लेकर उन्होंने कहीं किसी दूसरे को घायल किया तो कहीं खुद भी पीट गए। क्वारंटाइन लोगों ने बाप-बेटे को किया था घायल
बखिरा थानाक्षेत्र के मलिकजोत गांव के गुलाम हुसैन 20 मई की सुबह सात बजे अपने लड़के के साथ दवा लेने जा रहे थे। दिल्ली से आए गौराखुर्द गांव के सलीम व बिस्मिल्लाह को होम क्वारंटाइन किया गया था। वे कहीं बाइक से जाने के दौरान फिसल कर गिर गए। इसी बात को लेकर इनसे और गुलाम हुसैन के बीच कहासुनी हुई थी। बात बढ़ने पर इन दोनों ने गांव के ही अशफाक व अफरोज को भी मौके पर बुला लिया था। बाप गुलाम हुसैन व बेटे को लाठी-डंडे से बुरी तरह मारे-पीटे थे। पुलिस ने इन दोनों मनबढ़ों के खिलाफ मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मारपीट में घायल हुए थे प्रवासी मजदूर व उनकी पत्नी
21 मई को पंजाब से धनघटा थानाक्षेत्र के फुलुई गांव में आए प्रवासी मजदूर कृष्णानंद शुक्ल व इनके पट्टीदार सुभाष शुक्ल के बीच 23 मई को भूमि को लेकर विवाद हुआ था। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्ष के बीच लाठियां चटकी थी। इस घटना में प्रवासी मजदूर व इनकी पत्नी फूलमती को चोटें आई थी। आसपास के लोग मौके पर पहुंचकर इन्हें बचाए थे। पुलिस ने घायल मजदूर की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की थी। भूमि विवाद में घायल हुए थे प्रवासी
मेंहदावल थानाक्षेत्र के करहना गांव में 22 मई को दो पक्षों में भूमि विवाद को लेकर मारपीट हुई थी। इस मामले में गुरुदेव, भीखू व दीपक को चोटें आई थी। इसमें दीपक कुछ दिन पूर्व मुंबई से आए थे। दोनों पक्ष के तीन लोगों के खिलाफ पुलिस ने मारपीट का मुकदमा दर्ज किया था। शांतिभंग की आशंका में जेल भेजने की कार्रवाई की थी।