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बीमार बच्चों से भर गया है अस्पताल, इंसेफ्लाइटिस का मरीज मिला

जिला अस्पताल के पीकू वार्ड में भर्ती बुखार ग्रसित बच्ची जांच में मिली एईएस पीड़ित

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 12:11 AM (IST)
बीमार बच्चों से भर गया है अस्पताल, इंसेफ्लाइटिस का मरीज मिला

संतकबीर नगर: जिले में संक्रामक बीमारी ने पांव पसार लिया है। बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हो रहे हैं। जिला अस्पताल बच्चों से भर गया है। परेशान स्वजन अस्पताल में सुविधा न मिलने का आरोप लगा रहे हैं। बुधवार को अस्पताल के पीआइसीयू (पीकू) वार्ड में भर्ती बुखार ग्रसित एक बच्ची जांच में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस) पीड़ित मिली। एक सितंबर को 24, दो को 26, तीन को 20, चार को 25, पांच को 23, छह को 22, सात को 24 व आठ सितंबर को दोपहर के एक बजे तक बुखार, निमोनिया, खांसी से ग्रसित 18 बच्चे भर्ती हुए। दो बच्चों की हालत गंभीर देखकर यहां के डाक्टरों ने उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया। इलाज कर रहे चिकित्सक बता रहे हैं कि बच्चों में झटका के साथ तेज बुखार हो रहा है। कुछ बच्चों में इंसेफ्लाइटिस के लक्षण दिख रहे हैं। यहां पहुंच रहे गंभीर बच्चों को गोरखपुर मेडिकल कालेज रेफर किया जा रहा है। तीन दिन पूर्व भर्ती हुई बुखार ग्रसित रंजना

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पौली ब्लाक के परसहर गांव निवासी दीप सहाय ने कहा कि उनकी 10 वर्षीय बेटी रंजना को एक सप्ताह पहले तेज बुखार हुआ। निकट के अस्पताल में इलाज कराया लेकिन वह ठीक नहीं हुई। दवा खिलाते रहने के बाद भी उसकी हालत बिगड़ने लगी। वह बेटी को लेकर तीन दिन पूर्व जिला अस्पताल में पहुंचे। यहां के डाक्टरों ने बेटी को पीकू वार्ड में भर्ती कर दिया। इसके बाद उसका उपचार होने लगा। बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में बच्ची एईएस पीड़ित पाई गई। जब से बेटी भर्ती है, तब से वह घर से नाश्ता, भोजन मंगवा रहे हैं। आज सुबह करीब दस बजे डाक्टर आए थे, बेटी की सेहत की जांच किए। बुखार, निमोनिया से ग्रसित अथर्व दो दिन पहले हुआ भर्ती

नाथनगर ब्लाक के सांखी गांव के अश्वनी राय ने कहा कि करीब एक सप्ताह पूर्व उनके 10 माह के बेटे अथर्व को तेज बुखार के साथ निमोनिया हुआ। वह निकट के अस्पताल में उपचार करवाते रहे लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। बेटे की हालत बिगड़ने लगी। इस पर वह दो दिन पहले बेटे को लेकर जिला अस्पताल में पहुंचे। डाक्टरों ने उन्हें पीकू वार्ड में भर्ती कर दिया। यहां पर उपचार से बच्चे की हालत में सुधार है। चिकित्सक अस्पताल की नहीं बाहर की दवा चला रहे हैं। किसी को नींद आई तो कई लोग फर्श पर बैठकर थकान मिटाते मिले

जिला अस्पताल में बाल रोग के चिकित्सक के पास बच्चों की जांच कराने वाले लोगों की संख्या ज्यादा रही। मरीज के साथ परिवार के सदस्य भी आए थे। इसके अलावा पर्ची वाले काउंटर पर कर्मी के बीच-बीच में बाहर चले जाने से लोगों को दिक्कत हुई। इसकी वजह से मरीज के साथ आए परिवार के कुछ सदस्यों को नींद आ गई तो वहीं कई महिलाएं मुख्य गेट के पास फर्श पर बैठकर थकान मिटाती हुई मिली। इस बीच बड़ी संख्या में बीमार बच्चे अस्पताल आ रहे हैं। बच्चों का वार्ड भर गया है, लेकिन अन्य बेड भी तैयार करवाया गया है। अधिकतर बच्चों को तेज बुखार की शिकायत है। यहां आने वाले बीमार को कोई दिक्कत न हो इसका प्रयास किया जा रहा है। इस बीच कुछ बच्चों में इंसेफ्लाइटिस के लक्षण मिले हैं। अस्पताल के गंभीर बच्चों को मेडिकल कालेज भेजा जा रहा है।

ओपी चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल


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