कर्ज न मिलने से टूट रही कारोबार की उम्मीद
संतकबीर नगर एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए जिले की तस्वीर बदलने की उम्मीद थी लेकिन बैंक अधिकारियों की उदासीनता से ऐसा नहीं हो पा रहा है। बैंक अपेक्षा के अनुरूप कर्ज स्वीकृत करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इससे कारोबार की उम्मीद टूट रही है।
संतकबीर नगर: एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए जिले की तस्वीर बदलने की उम्मीद थी लेकिन बैंक अधिकारियों की उदासीनता से ऐसा नहीं हो पा रहा है। बैंक अपेक्षा के अनुरूप कर्ज स्वीकृत करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। सांसद व डीएम की चेतावनी का भी कोई असर नहीं पड़ रहा है। आवेदक कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से कर्ज मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
शासन ने एक जिला-एक उत्पाद योजना में जिले के बखिरा के पीतल बर्तन को फरवरी-2018 में शामिल किया था। अप्रैल-2020 में योजना में होजरी उद्योग को भी शामिल कर लिया गया। उम्मीद बंधी कि जिले में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी। विशेषकर बखिरा का पीतल बर्तन का उद्योग प्रदेश व देश में अपनी एक पहचान स्थापित करेगा। इस योजना में शामिल किए गए होजरी उद्योग से बेकारी दूर होगी।
चालू वित्तीय सत्र 2020-21 में एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत इस जिले को 50 लाभार्थियों को कर्ज देने और 125.00 लाख रुपये अनुदान देने का लक्ष्य दिया गया था। इसकी तुलना में जिला उद्योग विभाग ने 392.26 लाख रुपये अनुदान देने के लिए 180 आवेदन बैंक शाखाओं को भेजा था। बैंक शाखाओं ने इसमें से 48.50 लाख रुपये अनुदान के 18 आवेदन ही स्वीकृत किए। अब तक सिर्फ 10 आवेदकों के बैंक खाते में 21.50 लाख रुपये अनुदान राशि भेजी गई है। इस प्रकार लक्ष्य की तुलना में 38.80 फीसद आवेदन स्वीकृत हुए हैं। वहीं लक्ष्य की तुलना में 17.20 फीसद अनुदान की राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंची है।
सांसद प्रवीण निषाद ने इसी विषय को लेकर विकास भवन में 21 दिसंबर 2020 को बैठक की थी। उन्होंने लीड बैंक मैनेजर से कहा था कि आवेदकों के कर्ज के आवेदन को समय से स्वीकृति दिलाएं। स्वीकृत न किए जाने का कारण स्पष्ट रुप से उल्लेख करें। बेवजह आवेदनों को न लटकाएं, ऐसी स्थिति दोबारा नहीं मिलनी चाहिए। डीएम दिव्या मित्तल भी हर माह जिला उद्योग बंधू की बैठक में लीड बैंक मैनेजर को कर्ज के आवेदन की स्वीकृति में तेजी लाने की बात कहती हैं। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है।
------------------- एसबीआइ, पंजाब नेशनल बैंक सहित अन्य बैंक शाखाओं पर कर्ज के आवेदन स्वीकृति के अभाव में लंबित हैं। बैंक शाखाओं के अधिकारी अपेक्षा के अनुरुप सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से आवेदक उनके कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। रवि शर्मा- उपायुक्त उद्योग
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