करना था सत्यापन, निरस्त कर दिए 802 आवेदन
कन्या सुमंगल योजना के जिन 802 आवेदनों को सत्यापित करके बेटियों को अनुदान दिलाना था खंड शिक्षा अधिकारी ने एक झटके में उन्हें निरस्त कर काम से पीछा छुड़ा लिया।
संत कबीरनगर : कन्या सुमंगल योजना के जिन 802 आवेदनों को सत्यापित करके बेटियों को अनुदान दिलाना था, खंड शिक्षा अधिकारी ने एक झटके में उन्हें निरस्त कर काम से पीछा छुड़ा लिया। इतनी बड़ी संख्या में पात्रों के वंचित होने की जानकारी पर नाराज डीएम ने बीईओ के खिलाफ न केवल जांच बैठा दी है बल्कि एक हफ्ते में सभी आवेदनों को सत्यापित कर उसे फीड कराने के निर्देश भी जारी किए हैं।
शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली इस योजना में लापरवाही का यह मामला खलीलाबाद का है। इस विकास खंड के सैकड़ों विद्यालयों से 802 छात्र-छात्राओं के आवेदन पत्र जमा कराए गए थे। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार त्रिपाठी को इन्हें सत्यापित करके आगे बढ़ाना था, लेकिन उन्होंने इस टिप्पणी के साथ सभी आवेदनों को निरस्त कर दिया कि इसमें लगे प्रमाण पत्र खंड शिक्षा अधिकारी से प्रमाणित नहीं है। प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश कुमार ने इस प्रकरण से डीएम को अवगत कराया तो वह बिफर पड़े। खंड शिक्षा अधिकारी को दिए चेतावनी आदेश में डीएम ने उन्हें कर्तव्यों के पालन में न केवल अक्षम बताया बल्कि सभी आवेदनों को सत्यापित करने के साथ स्पष्टीकरण भी मांग लिया। इस बारे में बीईओ से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
क्या है कन्या सुमंगल योजना
योजना के तहत कक्षा एक से छह तक की छात्राओं को 16 हजार रुपये दिए जाने हैं। लड़की के जन्म पर दो हजार, नियमित टीकाकरण पर एक हजार, पहली कक्षा में प्रवेश पर दो हजार, कक्षा छह में प्रवेश पर दो हजार, नौवीं कक्षा में जाने पर तीन हजार, इंटरमीडिएट परीक्षा पास करके स्नातक अथवा डिप्लोमा में प्रवेश लेने पर छह हजार रुपये अभिभावक के खाते में दिए जाएंगे। पहले चरण में 2,129 छात्राओं को इसका लाभ मिल चुका है।
डीएम को पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया है। उन्होंने संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को चेतावनी देकर प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
सतीश कुमार, प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी
आवेदन किन परिस्थितियों में निरस्त किए गए इसकी जांच कराई जा रही है। एक हफ्ते में खंड शिक्षा अधिकारी को आवेदन फीड कराने के लिए कहा गया है।
सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए