हिदू धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने दिया बलिदान
हर युगों में उनके धर्म के प्रति जीवन समर्पण को याद किया जाएगा
संतकबीर नगर : गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि हिदू धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने बलिदान दिया था। साहस से उन्होंने मुगलों का गुमान चूर कर दिया था। हर युगों में उनके धर्म के प्रति जीवन समर्पण को याद किया जाएगा।
मंगलवार को शहीदी दिवस पर शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में अजीत सिंह और हरि महेंद्र पाल सिंह रोमी ने कहा कि गुरु ने शीश झुकाने की बजाय कटाने का संकल्प लेकर कार्य किया था। गुरु परंपरा में हिदू धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले गुरु तेग बहादुर ही थे, जिनका नाम आज परम श्रद्धा से लिया जाता है। इसी को लेकर उन्हें शहीदों के सरताज हिद की चादर उपाधि मिली। 10वें गुरु के रूप में गुरु गोविद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सरदार हरिभजन सिंह, सतविदरपाल सिंह जज्जी, अमरजीत सिंह ने कहा कि औरंगजेब तक जब यह संदेश पहुंचा कि एक परिवार को मुसलमान बना लेने पर सभी धर्म परिवर्तन स्वीकार कर लेंगे तो वह आतंक मचाने लगा। इस दौर में महान गुरु ने प्राणों की आहुति दी थी। ज्ञानी जोगिदर सिंह ने कहा कि शांति व अहिसा के पुजारी गुरु तेग नाम की भांति बहादुर महापुरुष के रूप में याद किए जाते हैं। ठंड से बचाने के लिए गरीबों को रैनबसेरा में रखें
संतकबीर नगर: डीएम मंगलवार को खलीलाबाद शहर के तीन अलग-अलग स्थानों पर स्थित रैनबसेरा में जांच के लिए पहुंची। उन्होंने यहां पर सोने के लिए तख्त, चद्दर सहित अन्य व्यवस्था देखी। जांच के दौरान तीन में से किसी भी रैनबसेरा में एक भी गरीब व्यक्ति ठहरे हुए नहीं मिले। यहां पर गंदगी मिलने पर ईओ को कड़ी फटकार लगाई।
डीएम दिव्या मित्तल मंगलवार को खलीलाबाद शहर के बंजरिया, तितौवा व खलीलाबाद बाईपास स्थित रैनबसेरा की बारी-बारी से जांच की। इस दरम्यान तीन में से किसी भी रैनबसेरा में एक भी गरीब व्यक्ति ठहरे हुए नहीं मिले। खलीलाबाद बाईपास स्थित रैनबसेरा में गंदगी मिलने पर ईओ सुरेश कुमार मौर्य को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने ईओ से कहा कि यदि किसी सड़क अथवा रेलवे स्टेशन पर कोई गरीब व्यक्ति मिले तो उसे ठंड से बचाने के लिए यहां पर लाएं। उनके लिए यहां पर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। जांच के दौरान लिपिक उमेश चंद्र चौधरी व गोरखनाथ यादव, नबी अहमद आदि मौजूद रहे।