गुजराती व केसरिया गजरा झालर बन रहे पंसद
दीपावली पर इस बार स्वदेशी झालर चमकेंगे। चाइनीज लाइट चमकने के आसार नहीं दिख रहे हैं। हर बार खराब होते तार व बल्ब के साथ देशभक्ति की अलख बाजार पर नया असर छोड़ रहा है। एक बार फिर दीया मोमबत्ती के साथ हस्तनिर्मित देशी बल्बों के झालरों की मांग होने लगी है। अब लोग चीन निर्मित झालरों से कतराने लगे हैं।
संतकबीर नगर : दीपावली पर इस बार स्वदेशी झालर चमकेंगे। चाइनीज लाइट चमकने के आसार नहीं दिख रहे हैं। हर बार खराब होते तार व बल्ब के साथ देशभक्ति की अलख बाजार पर नया असर छोड़ रहा है। एक बार फिर दीया, मोमबत्ती के साथ हस्तनिर्मित देशी बल्बों के झालरों की मांग होने लगी है। अब लोग चीन निर्मित झालरों से कतराने लगे हैं। चाइनीज उत्पादों की खरीद से लोगों का मोहभंग हो रहा है। इसका असर बाजार पर अभी से दिखने लगा है।
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गुणवत्ता वाले झालर की मांग प्रयोग करने के बाद लोगों को ठीक और खराब के बारे में जानकारी मिलती है। पिछले वर्षों में जहां विदेशी विशेषकर चीन के बने झालर की मांग अधिक रहती थी। इसकी आपूर्ति के लिए कई बार माल की कमी भी हो जाती थी।
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ग्राहक मांग रहे स्वदेशी झालर और बल्ब
देशी बल्ब की पहचान ही अलग है। एक तो तेज जलते हैं और लंबे समय तक टिकाऊ रहते हैं। एक बार तार, कैप व छोटे बल्ब से झालर बन जाए तो बस उन्हें चेक करने की जरूरत ही रहती है। खराब होने के बाद आसानी से ठीक किया जा सकता है। केशरिया गजरा, दीया-बाती, गुजराती, बहुरंगी आदि प्रकार की बिजली झालर व लाइटें की मांग है।
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झालर - मूल्य
- समान्य लड़ी - 20 से 70 रुपये तक
-एलइडी -25 से 250
-मल्टी एलइडी-60 से 450
- मल्टी क्रिस्टल-110 से 400
-एलइडी डिजाइनिग- 65 से 90
-सिगिल कलर- 40 से 50 दाना 90 से 125
-राइस - 60 से 390
-पाइप -35 से 230 रुपये मीटर
-गुजराती-25 मीटर-230-300
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-दीया स्टैंड- 190-250 रुपया
-लेजर लाइट-300-850 रुपया