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सब्जी व नर्सरी की खेती कर खुशहाल हो रहे किसान

जागरूक किसानों ने अपनी आय को बढ़ाने का नया तरीका इजाद कर लिया है। परंपरागत खेती की बजाए अब किसान तकनीकी खेती पर ध्यान देने लगा है। यहां के किसान सब्जी बेंचकर अपनी गरीबी दूर कर रहे हैं। किसान रसायनिक खादों से दूर जैविक खाद से सब्जी उगाकर अछा पैसा कमा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 11:48 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 11:48 PM (IST)
सब्जी व नर्सरी की खेती कर खुशहाल हो रहे किसान
सब्जी व नर्सरी की खेती कर खुशहाल हो रहे किसान

संतकबीर नगर : जागरूक किसानों ने अपनी आय को बढ़ाने का नया तरीका इजाद कर लिया है। परंपरागत खेती की बजाए अब किसान तकनीकी खेती पर ध्यान देने लगा है। यहां के किसान सब्जी बेंचकर अपनी गरीबी दूर कर रहे हैं। किसान रसायनिक खादों से दूर जैविक खाद से सब्जी उगाकर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। सब्जी के मुख्य केंद्र के रूप में स्थापित हो चुके इस क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ में गोभी, बैगन, टमाटर, लौकी, नेनुआ के साथ ही अन्य सब्जियां उगाई जा रही हैं। कुछ किसान सब्जी की नर्सरी से भी अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं।

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पौली क्षेत्र के रामपुर, रोसया बाजार, शिवबखरी, हडिया, किशनपुर, मुठही कला, गागर गाड़ आदि गांव सब्जी की खेती में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। यहां के किसान सूर्यपाल मौर्य, राम कोमल मौर्य, रामराज, रामकेवल, नरेंद्र कुमार, जीवन लाल आदि ने बताया कि जैविक विधि से सब्जी की खेती और उसकी नर्सरी को तैयार करने में मेहनत तो काफी लगती है। लेकिन इसका परिणाम भी काफी शानदार होता है। उन्होंने बताया कि सब्जी की नर्सरी और उसकी खेती से हर साल यह लोग कोई न कोई ऐसा काम कर लेते हैं जो दिखने लगता है।

किसानों ने बताया कि उनकी सब्जियां सीधे मंडी जाती हैं। बाहर के व्यापारी भोर में ही गाड़ियां लेकर इनके खेतों तक पहुंचते हैं। जिससे इनकी सब्जी तहसील ही नहीं जिले से बाहर भी अपना परचम लहरा रही है।

किसानों ने बताया कि यह लोग नर्सरी डालते हैं। जिसमें उन्नत किस्म के बीज का प्रयोग करते हैं। जिससे इनकी नर्सरी भी दूरदराज के किसान आकर ले जाते हैं। नर्सरी में तैयार किए गए पौधों को ही बेच कर यह लोग अच्छा लाभ कमा लेते हैं। इनकी नर्सरी इतनी उच्च तकनीक की होती है कि जो किसान एक बार ले जाता है वह दोबारा लौट कर जरूर आता है।


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