जर्जर भवन में चल रहा आंख का अस्पताल
संतकबीरनगर : मलौली में आंख के मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए अस्पताल का शुभारंभ किया गया था। प
संतकबीरनगर : मलौली में आंख के मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए अस्पताल का शुभारंभ किया गया था। पुराने भवन से नये भवन में अस्पताल के आने के बाद आंख अस्पताल को सीएचसी परिसर में पुराने भवन में ही अस्पताल को शिफ्ट कर दिया गया। उस समय तो भवन कुछ ठीक था लेकिन मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर होता गया।
वर्तमान में स्थित यह है कि बाहर से दीवारों के प्लास्टर गिरने के साथ-साथ छत के भी प्लास्टर छूट कर गिरने लगे हैं। मरीजों को आंख का उपचार करवाने में समस्या हो रही है। इस समस्या की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है।
मलौली में एक दशक पूर्व आंख के अस्पताल में मरीजों को देखने का काम शुरू किया गया था। उस समय भवन के ठीक ठाक होने के कारण मरीजों को आंख का उपचार करवाने में सुविधा मिली। भवन की मरम्मत न होने के कारण धीरे-धीरे भवन जर्जर होता गया। अंदर छत की ईंटें कट कर गिरने लगीं तो बाहर दीवारों के प्लास्टर टूट कर गिर गए हैं। जिससे अब मरीज मलौली अस्पताल पर जाने से ही कतराने लगे हैं। राम करन, ¨चता, सुभग आदि मरीजों का कहना है कि आंख सबसे नाजुक अंग है। इतने खराब भवन में आंख का उपचार किया जाता है जो मरीजों के साथ मजाक करने का काम किया जा रहा है। जिससे अब इस अस्पताल पर मरीज जाने से ही कतराने लगे हैं। इस संबंध में पूछने पर सीएचसी मलौली के अधीक्षक डा. उमेश चंद्रा ने बताया कि नए भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही नए भवन का निर्माण करवा कर उसमें अस्पताल को शिफ्ट कर दिया जाएगा।