ब्रह्मानंद शास्वत व विषयानंद क्षणिक आनंददायक
संतकबीर नगर : ब्रह्मज्ञान का आनंद शाश्वत और कल्याणकारी होता है। संसार में दो ही आनंद है इ
संतकबीर नगर : ब्रह्मज्ञान का आनंद शाश्वत और कल्याणकारी होता है। संसार में दो ही आनंद है इसमें विषयानंद की तरफ लोग अधिक भागते हैं परंतु यह क्षणिक होता है। आध्यात्म के मार्ग का अनुशरण करने से ब्रह्मज्ञान का आनंद प्राप्त होता है।
यह बातें शनिवार को बेलहर विकास खंड के ग्राम भीखाडाड़ में चल रहे श्रीमछ्वागवत कथा के दौरान अयोध्या से आए मुक्तामणि शास्त्री ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि विषयों के भोग से जो आनंद मिलता है उसे विषयानंद कहते हैं। विषयानंद को छोड़कर सभी को ब्रह्मानंद की तरफ भागना चाहिए। भगवान कहते हैं कि संसार में ऐसा कोई नहीं जो उन्हें प्रिय न हो। पाप और पुण्य कर्मों के आधार पर तय होते हैं इनके फल का भोग भी अलग- अलग भोगना पड़ता है। जन्म लेने के बाद सभी की मुत्यु तय होती है परंतु आत्मा अजर अमर होती है। आत्मा की शुद्धता के लिए सतसंग जरूरी होता है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से जन्म, जन्मांतर के किए पापों का प्रभाव नष्ट हो जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को उन्होंने पूर्ण ब्रह्म स्वरूप बताते हुए प्रसंग सुनाया।
इस मौके पर निर्मल यादव, इंद्रपाल यादव, भूपेंद्र ¨सह, कपिलदेव मिश्र, जगदंबा समेत अनेक लोग मौजूद रहे।