बुद्धा हास्पिटल के आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
संतकबीरनगर : अपर जिला जज(फास्ट ट्रैक-द्वितीय) संदीप जैन ने बुद्धा हास्पिटल में चल रहे कथित जालसाजी क
संतकबीरनगर : अपर जिला जज(फास्ट ट्रैक-द्वितीय) संदीप जैन ने बुद्धा हास्पिटल में चल रहे कथित जालसाजी के मामले में शनिवार को दो आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दिया। जमानत के लिए उन्हें अब उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी।
27 अप्रैल को नेदुला-पटखौली मार्ग पर 6 वर्षों से चल रहे फर्जी नर्सिंग कालेज और हास्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सील कर दिया। यहां प्रतिवर्ष एक लाख रुपये से अधिक शुल्क जमा करने के बाद प्रमाणपत्र नहीं मिल पाने के कारण प्रशिक्षुओं द्वारा एसपी को शिकायती पत्र दिया गया था। सीओ द्वारा जांच करने के बाद वर्ष 2017 में नर्सिंग कालेज और अस्पताल संचालक पर मुकदमा दर्ज करने के बाद एक पखवारे पहले जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक समेत तीन को जेल भेज दिया था। महराजगंज जिले के श्यामदेउरवा के परतावल क्षेत्र की शीला देवी पत्नी अर्जुन ¨सह, पुनीता मौर्या, रश्मि, पुष्पांजलि ¨सह और नेहा ने समन्वित शिकायत प्रणाली पर शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि सभी ने नर्सिंग की ट्रे¨नग करने के लिए बुद्धा नर्सिंग कालेज खलीलाबाद से संपर्क किया तो यहां के डायरेक्टर डा. डीके गौतम ने संस्था की मान्यता होने की बात कही। उसने सभी से एक वर्ष की फीस एक लाख रुपये बताया। अगस्त 2016 में रुपये जमा कराकर एडमिशन लेने के बाद वे प्रशिक्षण में शामिल होने लगीं। फिर 2017 में फिर से अगले सत्र के लिए प्रवेश कराने के लिए शुल्क जमा करवा लिया गया। पहले वर्ष का प्रमाणपत्र मांगने पर उसने एक साथ ही दोनों वर्षों का प्रमाणपत्र दिए जाने की बात कही। संदेह होने पर पता किया गया तो यह जानकारी हुई कि संस्था को मान्यता नहीं मिली है। ट्रे¨नग व्यवस्था का संचालन करने वाली डा. अन्नू गौतम नाम की महिला का असली नाम रेखा गौड़ है जो बस्ती जिले के मुंडेरवा थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासिनी है तथा डा. डीके गौतम का असली नाम भी दूसरा है। डा. डीके गौतम नाम के व्यक्ति ने एचडीएफसी बैंक खलीलाबाद में राकेश पांडेय के नाम से खाता खोला गया है जिसके चेक आदि पर डीके गौतम द्वारा ही हस्ताक्षर किया जाता था। जालसाजी का शिकार बनी पीड़िताओं की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने कालेज संचालक डा.डीके गौतम और डा. अन्नू गौतम के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज तैयार करने, धोखा देकर धन हड़पने का मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसे लेकर आरोपित डा. डीके गौतम और अजय राव की जमानत अर्जी पूर्व में ही सीजेएम कोर्ट से खारिज हो चुकी थी। जमानत के लिये सेशन कोर्ट में प्रार्थना-पत्र देकर उनके द्वारा गुहार लगाई गई थी। सेशन कोर्ट ने मामला गंभीर मानते हुये दोनो आरोपितों की जमानत अर्जी ठुकरा दिया।