मनाएंगे ग्रीन दीपावली, नहीं करेंगे प्रदूषण
संतकबीर नगर: : दीपावली परिवार में सुख शांति और खुशियों का समावेश करने के लिए सनातन परंपरा में मुख्य
संतकबीर नगर: : दीपावली परिवार में सुख शांति और खुशियों का समावेश करने के लिए सनातन परंपरा में मुख्य पर्व माना जाता है। लक्ष्मी गणेश की पूजा करके परिवार के सदस्य मिलकर दीप जलाकर एक दूसरे के साथ मिल बैठकर पूरे वर्ष की मंगलकामना करते हैं परंतु खुशियों को व्यक्त करने के दौरान पटाखे जलाने की परंपरा से खतरा बना रहता है। दुर्घटनाओं के कारण रंग में भंग पड़ जाता है। पूर्ण रूप से शांत वातावरण के पर्व को प्रकृति पर्यावरण और परिवार के लिए सुखमय बनाने के लिए जागरण द्वारा ग्रीन दीपावली अभियान शुरू किया गया है। इसमें विद्यालयों व समाजिक स्थानों में लोगों ने पुष्पित दीपावली मनाने के लिए संकल्प लिया। जिसमें बड़ों के साथ बच्चें भी सहभागी बनें।
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प्रकाश दीपावली बुराई पर अच्छाई के विजय का प्रतीक है। पटाखे जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान होता है। तेज आवाज से रोगी और कमजोर लोगों को गहरा नुकसान हो सकता है। इस बार इससे बचाव करने के लिए जागरूक किया गया। अंधकार को बुराई का प्रतीक और दीप को अच्छाई का प्रतीक बताते हुए बच्चों को जागरूक किया गया। उनसे दीप जलाकर परिवार और आस पड़ोस के लोगों के साथ मिलकर त्योहार मनाने की अपील की गई है।
-महेश गुप्ता
प्रबंधक, शिशु शिक्षा सदन खलीलाबाद
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न्यायालय के सम्मान में मनेगी सुरक्षित दीपावली
- बच्चों में पटाखा जलाने की प्रवृति रहती है। यहां ग्रीन पटाखें तो मिलते नहीं है। कम से कम केवल रोशनी फैलाने वाला पटाखा जलाने की सलाह देकर मार्ग दर्शन दिया। प्राथमिक विद्यालय गोलारगडगंज में संकल्प दिलाकर दीप जलाकर संदेश दिया। सभी के हित में सुरक्षित ग्रीन दीपावली मनाकर न्यायालय के आदेश पालन किया जाएगा।
- सौम्या
-शिक्षिका खलीलाबाद
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पटाखे से दूरी, जलाएंगे मिट्टी के दीपक
दीपावली में अधिक से अधिक मिट्टी के दीये जगमगाएं इसके लिए प्रोत्साहित किया गया। हानिकारक पटाखा से दूरी करके जागरूक किया गया। व्यापारी वर्ग से कम से कम पटाखा जलाने व कोर्ट द्वारा निर्धारित समय का पालन स्वयं,परिवार व अन्य में कराने की अपील की गई है।
-महेश कुमार गुप्ता
व्यापार मंडल
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हानिकारक है पटाखा
लक्ष्मी पूजन के बाद शगुन के रूप में फोड़े जाने वाले पटाखे वातावरण को दूषित कर रहे हैं। पटाखे जब जलते हैं और तेज धमाके के साथ फूटते हैं तो हममें से हर किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट छा जाती है। उस वक्त पटाखों की आवाज हमारी श्रवण शक्ति पर भी प्रभाव डालती है। - सुरेश रूंगटा
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किसी के हित में नहीं है पटाखे दीपावली खुशियों का त्योहार है तो क्यों न हम इस दीपावली पर वायुमंडल को नुकसान पहुंचाना अनुचित है। तेज आवाज के पटाखे बच्चों के साथ बीमार, बुजुर्ग को हानि पहुंचा सकते हैं। तेज आवाज में छूटने वाले पटाखों के कारण सुनने में कठिनाई, स्ट्रैस लेवल बढ़ने से उच्च रक्तचाप की शिकायत, हानिकारक धुआं से सांस लेने में कठिनाई, पटाखों से उत्सर्जित रसायनों के कारण त्वचा की एलर्जी, वातावरण में चारों तरफ धुआं फैलने से नेत्र में समस्या आ सकती है। इस बार पटाखा न जलाने का निर्णय लिया गया है।
-रामकुमार ¨सह
, प्रधानाचार्य एचआर इंटर कालेज
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फैलाएंगे प्रकाश
पहल का स्वागत करते हुए इसे व्यवहार मे उतारने का संकल्प लिया और अपने साथियों को भी बताने के लिए बीड़ा उठाया। खुद तो पटाखों की दौड़ से बचेंगे ही इसके साथ ही वह अपने साथियों को भी इसके लिए आगाह करने का प्रयास कर रहा हूं।
-सरदार गगनदीप ¨सह, शैंकी
व्यवसायी