बाल दिवस पर याद किए गए चाचा नेहरू
संतकबीर नगर संतकबीर बाल आश्रम में शनिवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु का जन्म दिवस मनाया गया। वक्ताओं ने चाचा नेहरू के जीवन पर विस्तार से प्रकाश रूाला।
संतकबीर नगर: संतकबीर बाल आश्रम में शनिवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की जयंती शनिवार को बाल दिवस के रूप में मनाई गई। बच्चों को इस दिवस की महत्ता के बारे में जानकारी दी गई। उनके आदर्शो से प्रेरणा लेने का संकल्प दोहराया गया। मिठाई बांटकरखुशियां साझा की गईं।
मुख्य अतिथि व महिला कल्याण विभाग के पूर्व सचिव अभयराम त्रिपाठी ने भाजपा सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समाज की मुख्य धारा से बच्चे कट रहे हैं, उन्हें बालगृहों व शासन से संचालित योजनाओं से जोड़ने की जरूरत है। कबीर चौरा के महंत विचार दास ने जवाहर लाल नेहरू के जीवन पर प्रकाश डाला। अतिथियों ने बच्चों के साथ खुशियां मनाई। बाल आश्रम के अधीक्षक अजय कुमार पांडेय ने कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के प्रति बच्चों को सचेत किया। इस अवसर पर यादवेंद्र नाथ, पारसनाथ, सुमन पांडेय, वंश बहादुर सिंह के अलावा आश्रम के बच्चे व सदस्य मौजूद रहे।
संतकबीर नगर : दीपावली पर्व पर शनिवार को हर वर्ग में उत्साह छाया रहा। लोगों ने दिनचर्या को सुव्यवस्थित कर महापर्व पर खुशियां बांटने के लिए तत्पर हो गए। सभी ने परंपराओं को जीवंत रखने हेतु मंगलमयी कामना की। अनेक स्थानों पर लोगों ने स्वास्थ्य रक्षा व निरोगमय जीवन के लिए आंवले के पौधों का रोपड़ किया। जनपद में जहां विभिन्न स्थानों पर पटाखों की गुंज, शोर गुल का वातावरण बना रहा, वहीं तमाम लोगों ने आदर्शों की शपथ लेकर अपना कार्य शुरू किया। लजीज व्यंजनों का आनंद लिया और खुशियां बांटीं।
अनेक लोगों श्रेष्ठ आचरण, समरसता, ज्ञान, विकास, कल्याण के लिए दीप जलाए और लोगों को स्वदेशी सामान अपनाने के लिए प्रेरित किया।
सुबह से बना रहा उत्साह
पर्व पर सुबह से ही लोगों में उत्साह बना रहा। दीप जलाकर भक्तिमय माहौल में लक्ष्मी-गणेश व विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की। पूजा पांडालों पर रौनक व मंदिरों में दर्शनार्थियों का तांता रहा। शाम ढलते ही प्रत्येक घरों में लोग दीप जलाकर उजियारा करने में जुट गए। लोगों ने रंग-बिरंगे विद्युत बल्बों व मोमबत्तियों का प्रयोग किया था जिससे शहर, नगर, गांव प्रकाशमान बना हुआ था।
सुबह से ही शुरू हुआ बधाई व शुभकामना देने का सिलसिला देर रात्रि तक जारी रहा। मिलकर और मोबाइल व मैसेज के माध्यम से लोगों ने अपने परिचितों, सगे-संबंधी, इष्ट मित्रों को सुख,समृद्धि, स्वास्थ्य रक्षा की मंगल कामना कर पर्व की बधाइयां दी। गुलदस्ते, बुके, मिठाइयां, डाई फ्रुटस, कार्ड व उपहार दिया गया।