PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर 31 हजार की ठगी
संतकबीर नगर में प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम परएक युवक से 31 हजार रुपये ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जानकारी होने पर पीड़ित ने पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।
संतकबीर नगर (मेंहदावल) जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर मेंहदावल कस्बे के एक युवक से 31 हजार रुपये ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जानकारी होने पर पीड़ित ने पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।
यह है मामला
मेंहदावल थाना क्षेत्र के बीमापार मोहल्ले के रहने वाले ओमकार को कुछ दिन पूर्व मोबाइल नंबर 76077055 75 से प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर धन की मांग की गई। प्रार्थी ठग के जाल में फंस गया। उसने तीन किस्तों में 31 हजार पांच सौ रुपए इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भेज दिया। बाद में जब उसने आवास दिलाने की बात कही तो उससे और पैसे की मांग की गई। बार-बार पैसा मांगे जाने से तंग आकर उसने लोगों से संपर्क किया तब पता चला यह तो ठगी का मामला है। अपने साथ धोखा होने की जानकारी मिलते ही पीड़ित के होश उड़ गए। उसने ठग से पैसे वापस करने की मांग की लेकिन वह टालमटोल करने लगा। प्रभारी निरीक्षक मेंहदावल संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि तहरीर मिली है। मामले की जांच कराई जा रही है।
साइबर फ्राड गैंग के दो शातिर सदस्य गिरफ्तार
उधर, धनघटा पुलिस ने शनिचरा बाजार में दबिश डाली। यहां से साइबर फ्राड गैंग के दो शातिर सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों पिछले दिनों शनिचरा बाजार स्थित एक सहज जनसेवा केंद्र से दूसरे व्यक्ति के खाते से सत्तर हजार निकाल लिये थे। केंद्र के संचालक की तहरीर पर पुलिस सक्रिय हुई थी। सीओ राम प्रकाश ने कहा कि सूचना मिलने पर उप निरीक्षक अशोक कुमार दूबे अपने सहयोगी मुख्य आरक्षी रामनक्षत्र भारती, सिपाही रामानंद सिंह, धर्मेंद्र यादव व ज्योतिरादित्य सिंह की टीम शनिचरा बाजार में पहुंची। इस थाना के भंडा गांव निवासी अनूप पुत्र हरिनंदन व रोहित प्रजापति पुत्र रामधनी को दबोच लिया गया।
फ्राड गैंग के इन दो सदस्यों के पास से 70 हजार रुपये नकद, आठ एटीएम कार्ड, लेपटाप, प्रिंटर, मोहर बनाने वाली मशीन व की-बोर्ड एक-एक, मोबाइल व आधार कार्ड दो-दो के अलावा पैन कार्ड, निर्वाचन कार्ड, पालीमर डिब्बा, पेपर व टेप एक-एक बरामद किया गया। पूछताछ में इन्होंने बताया कि फेसबुक और यू-ट्यूब के माध्यम से निशानी अंगूठा, आधार कार्ड आदि सर्च करते हैं। लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर उनका आधार कार्ड, निशानी अंगूठा ले-लेते हैं। उस निशानी अंगूठे को लेपटाप से उसकी कापी बटर पेपर पर करते हैं। मोहर बनाने वाली मशीन पर टेप लगाकर फिंगर प्रिंट तैयार करते हैं। सहज जनसेवा केंद्र पर मशीन से तैयार निशानी अंगूठा लगाकर और आधार नंबर बताकर संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से पैसा निकाल लेते हैं।