चदरिया झीनी-रे-झीनी, राम नाम रस भीनी
मगहर महोत्सव में गुरुवार को सूफी भजन का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के पहले महोत्सव समिति के संरक्षक महंत विचारदास ने सूफी गायकों को शाल देकर सम्मानित किया।
संतकबीर नगर: मगहर महोत्सव में गुरुवार को सूफी भजन का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के पहले महोत्सव समिति के संरक्षक महंत विचारदास ने सूफी गायकों को शाल देकर सम्मानित किया।
डा. ओम प्रकाश तिवारी ने 'चदरिया झीनी-रे-झीनी, राम नाम रस भीनी..'और 'धोबिया जल बीच मरत प्यासा' पेश की। इसके बाद डा. असीम राय ने 'सद्गुरु हमसे रीझकर कहा एक प्रसंग, बरसा बादल प्रेम का भीज गया सब अंग' 'काहें तोरा चिरई रे जियरा उदास बा, तोहरा के रहे खातिर धरती आकाश 'और 'हम हैं इश्क मस्ताना' सुनाकर श्रोताओं को जिदगी की हकीकत का अहसास दिलाया। इसके बाद सादिक अली ने 'सब दिन होत न एक समाना' व 'मोर धूमिल बा चुनरी 'और 'लोगवा पागल खेला ' सूफी भजन सुनाया। इसके बाद सूफी गायक नबी करीम उर्फ बच्चा ने 'कौन रंगरेजवा रंगे मोर चुनरी ' व 'मोरा हीरा हेराइ गईल कचरे में'और 'तोरे गठरी में लागा चोर बटोहिया काहें सोय' सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद सूफी गायक बृज बिहारी दूबे ने 'कितना खोया कितना पाया', व 'उठ जाग मुसाफिर 'और 'झुलनी हेराईल सइयां ' सूफी कलाम सुनाकर लोगों को भक्ति का रसपान कराया। इस अवसर पर वेद प्रकाश चौबे के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।