37 लाख के गेहूं घोटाले में फंसे सचिव पर मुकदमा
37 लाख के गेहूं घोटाले में फंसे डीसीएफ गिरधरपुर के सचिव के खिलाफ कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने रविवार को गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमा दर्ज कराने के लिए सहकारिता पीसीएफ व मार्केटिग विभाग के अधिकारी 28 व 29 नवंबर को थाने पर पहुंचे थे।
संतकबीर नगर: 37 लाख के गेहूं घोटाले में फंसे डीसीएफ गिरधरपुर के सचिव के खिलाफ कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने रविवार को गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमा दर्ज कराने के लिए सहकारिता, पीसीएफ व मार्केटिग विभाग के अधिकारी 28 व 29 नवंबर को थाने पर पहुंचे थे। कभी नयी तहरीर देने की बात कहकर तो कभी बैंक स्टेटमेंट लाने की बात कहकर पुलिस मुकदमा दर्ज करने से कतराती रही।
इस साल समर्थन मूल्य योजना के तहत खलीलाबाद ब्लाक के साधन सहकारी समिति-डीघा के प्रभारी सतेंद्र सिंह ने किसानों से 356.361 एमटी गेहूं खरीदा था। 30 सितंबर 2019 तक इन्होंने 328.503 एमटी गेहूं भारतीय खाद्य निगम(एफसीआइ)को भेजा था। शेष 27.858 एमटी यानी पांच लाख 93 हजार 726 रुपये 41 पैसे मूल्य का गेहूं अब भी ये दबाए बैठे हैं। एडीसीओ सुभाष चंद्र चौरसिया की तहरीर पर पिछले माह कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने इनके खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया था। वहीं इसी ब्लाक के खरीद केंद्र बने डीसीएफ-गिरधरपुर के प्रभारी कृष्ण कुमार सिंह ने किसानों से 660.019 एमटी गेहूं खरीदे थे। 30 सितंबर 2019 तक उन्होंने 242.278 एमटी गेहूं एफसीआइ को भेजा था, शेष 174.223 एमटी यानी 37 लाख 13 हजार 146 रुपये 84 पैसे मूल्य का गेहूं अब भी ये दबाए बैठे हैं। ये कार्रवाई से बचने के लिए लगभग 32 लाख रुपये मूल्य की अपनी 0.0830 हेक्टेयर भूमि बंधक रखे हैं। पीसीएफ एजेंसी से बकाया पैसा जमा करने के लिए 15 नवंबर 2019 तक का समय मांगें थे। समय-सीमा पार हो गई पर ये गबन किए गए गेहूं का पैसा जमा नहीं कर सके। कोतवाली प्रभारी खलीलाबाद अजय कुमार सिंह ने बताया कि डीसीएफ-गिरधरपुर के प्रभारी के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज हो गया है।