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तीन देसी व सात भांग की दुकानों के लिए नहीं मिल रहे आवेदक

जनपद में तीन देसी व सात भांग की दुकानों के लिए आवेदक ही नहीं मिल रहे हैं। एक साल में इतनी अधिक मात्रा में दारु बेचने और बिक्री लक्ष्य की पूरी राशि एडवांस में तीन से सात दिन में जमा करने की बाध्यता रहती है। इसके वजह से यह स्थिति बनी हुई है। लोगों को यह घाटे का सौदा प्रतीत हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 10:28 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 10:28 PM (IST)
तीन देसी व सात भांग की दुकानों के लिए नहीं मिल रहे आवेदक
तीन देसी व सात भांग की दुकानों के लिए नहीं मिल रहे आवेदक

संतकबीर नगर: जनपद में तीन देसी व सात भांग की दुकानों के लिए आवेदक ही नहीं मिल रहे हैं। एक साल में इतनी अधिक मात्रा में दारु बेचने और बिक्री लक्ष्य की पूरी राशि एडवांस में तीन से सात दिन में जमा करने की बाध्यता रहती है। इसके वजह से यह स्थिति बनी हुई है। लोगों को यह घाटे का सौदा प्रतीत हो रहा है।

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दो अप्रैल 2019 को ई-टेंडर खोला गया था। उसमें दुधारा थानाक्षेत्र के बाघनगर, मेहदावल थानाक्षेत्र के जमुअरिया व धनघटा थानाक्षेत्र के शंकरपुर आदि तीन देसी शराब की दुकान के लिए किसी ने आवेदन नहीं किया था। इसके अलावा भांग की सात दुकानों के लिए भी एक भी आवेदन नहीं आए थे। इसके पीछे प्रमुख वजह यह बताई जा रही है, जैसे-प्रतिवर्ष बाघनगर के लिए 80 हजार लीटर दारू बेचने का लक्ष्य है,इस प्रकार 41.76 लाख रुपया जमा करना होगा। वहीं जमुअरिया के लिए 1.31 लाख लीटर शराब बेचने का लक्ष्य है, इस तरह 68.38 लाख रुपये जमा करना होगा। जबकि शंकरपुर देसी शराब की दुकान का एक साल में 54 हजार लीटर शराब बेचने का लक्ष्य है, इस तरह आवेदक को 28 लाख रुपये जमा करना होगा। यह धनराशि तीन से सात दिन के अंदर जमा करना अनिवार्य है। जिला आबकारी अधिकारी प्रकाश सिंह ने कहाकि बड़े प्रयास के बाद भी देसी की तीन व भांग की सात दुकानों के लिए आवेदक नहीं मिल रहे हैं।


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