मंगलमूरति की जयंती पर हुआ भजन-कीर्तन
संतकबीर नगर: मर्यादा पुरुष भगवान श्रीराम के परम भक्त बल, बुद्धि, विद्या में प्रतीक भगवान हनुमान जी
संतकबीर नगर: मर्यादा पुरुष भगवान श्रीराम के परम भक्त बल, बुद्धि, विद्या में प्रतीक भगवान हनुमान जी की जयंती मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाई गई। पूजन-अर्चन के पश्चात सुंदरकांड, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा के साथ महावीर की स्तुति के साथ आराधना की गई। भजन-कीर्तन के बीच मंगलमूरति मारुति नंदन से अमंगल के समूल नाश की प्रार्थना हुई। पूजन का सिलसिला सुबह से पूरी रात तक चलता रहा।
शहर के समय माता मंदिर परिसर एवं हनुमान मंदिर में सुबह से पूजन अर्चन का सिलसिला प्रारंभ हो गया। पूरे दिन दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। आरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। हनुमान गढ़ी मंदिर में संकटमोचन की जयंती पर अभिषेक किया गया। महंत रामेश्वरानंद शास्त्री व आचार्यों द्वारा श्रृंगार हुआ। संगीतमय सुंदरकांड पाठ हुआ। श्रीराम जानकी मंदिर, श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर सहित जिले के मंदिरों में भजन-कीर्तन व पूजन अर्चन के कार्यक्रम का सिलसिला देर रात तक
जारी रहा। मानस मंडल द्वारा पूरी रात जागरण कर भजन-कीर्तन किया गया। हर भजन पर भक्त तन्मयता से तालियां बजाकर दुहरा रहे रहे थे। भज ले प्यारे राम-राम बेड़ा पार करेंगे, हनुमान.., चले आओ बजंरगी प्रभु साथ लेके, गदा हाथ ले के.., अब बजरंगी बली करेंगे बेड़ा पार ..आदि भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे।
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-भजनों पर झूमे श्रद्धालु
- शहर के इलाहाबाद बैंक परिसर स्थित मंदिर में भव्य साज -सज्ज करके पाठ हुआ। यहां सामूहिक सुंदरकांड पाठ हुआ। ख्याति प्राप्त भजन गायकों ने गणपति वंदना कर महाबली के भजन सुनाकर सभी को भक्ति मंदाकिनी में गोता लगवाया। सरदार हरिमहेंद्र पाल ¨सह रोमी ने भजनों से प्रभु का गुणगान कराया। पूरी रात जागरण कर भजन-कीर्तन किया गया। हर भजन पर भक्त तन्मयता से तालियां बजाकर दोहरा रहे थे। इस मौके पर राजेश चिरानिया, अरुण चिरानिया, दिनेश चिरानिया, संदीप, अंकुर, अमन, गौरव, वैभव आदि मौजूद रहे।
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-स्मरण मात्र से दूर होता है अमंगल
चुरेब : क्षेत्र हनुमान जयंती धूमधाम से परंपरागत ढंग से मनाई गई। क्षेत्र के मंदिरों में भव्य साज-सज्जा रही। रामजानकी मंदिर में आचार्यों ने मंगल मूरत हनुमान जी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि इस कलियुग में भगवान हनुमान की आराधना त्वरित फल प्रदान करने वाली है। जो भी भक्त उनका स्मरण करता है, हनुमान जी उसके दु:खों को निश्चय दूर कर देते हैं। आचार्य घनश्याम मिश्रा ने कहा कि भगवान हनुमान जी की जीवन लीला अछ्वुत है। अतुलित बल के स्वामी भगवान हनुमान जी को प्रभु श्रीराम का स्मरण बेहद प्रिय है। जो भक्त हनुमान जी की आराधना करने के साथ ही श्रीराम का भी स्मरण करते हैं, हनुमान जी उन पर सहज ही कृपालु हो जाते हैं। हनुमान शब्द की व्याख्या करते हुए आचार्य ने कहा कि जिसके अंदर लेशमात्र का अंहकार न हो, जिसने अपने मान का मर्दन कर दिया हो उसे हनुमान कहते हैं। जो भी भक्त जन सच्चे हृदय से भगवान हनुमान की आराधना करते हैं, वे कभी संकट में नहीं पड़ते हैं।