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कोरोना के चलते अनाथ हुए 20 बच्चों को मिला स्वीकृति पत्र

प्रोजेक्टर के जरिए राज्यपाल व मुख्यमंत्री के संबोधन को लोगों ने सुना।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 11:54 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 11:54 PM (IST)
कोरोना के चलते अनाथ हुए 20 बच्चों को मिला स्वीकृति पत्र
कोरोना के चलते अनाथ हुए 20 बच्चों को मिला स्वीकृति पत्र

संतकबीर नगर: मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का गुरुवार को आनलाइन शुभारंभ किया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीराम चौहान, मेंहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल के साथ ही अधिकारी और इस योजना के लाभार्थी मौजूद रहे। प्रोजेक्टर के जरिए राज्यपाल व मुख्यमंत्री के संबोधन को लोगों ने सुना। उसके बाद मंत्री, विधायक व डीएम ने 20 अनाथ बच्चों को आवंटित धनराशि का स्वीकृति पत्र प्रदान किया। वहीं, एक अनाथ बच्ची की शादी के लिए 1.01 लाख रुपये खाते में भेजा गया।

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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना चलाई गई है। प्रदेश यह योजना चलाने वाला पहला राज्य है। उन्होंने विश्वविद्यालय व डिग्री कालेज में अध्ययनरत ऐसे बच्चों को गोद लेने के लिए सभी विभागाध्यक्षों और कुलपतियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश में कुल 4050 बच्चों को चिह्नित किया गया है। प्रत्येक बच्चे को चार हजार रुपया प्रतिमाह भरण-पोषण के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बटन दबाकर सभी 4050 बच्चों के खाते में 4.86 करोड़ रुपये की धनराशि आनलाइन स्थानांतरित की। कोरोना के चलते अनाथ हुई बच्चियों की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये दिए जाएंगे। कक्षा नौ से ऊपर के अनाथ बच्चों को मुफ्त में लैपटाप देने की घोषणा की। बच्चों को उनके उम्र के अनुसार बाल संरक्षण गृह में रखा जाएगा। पढ़ने वाले लड़कों को अटल आवासीय विद्यालय में जबकि लड़कियों को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्वाती सिंह ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में एसपी डा. कौस्तुभ, सीडीओ अतुल मिश्र, आनंद त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी श्वेता त्रिपाठी, अशोक सिंह आदि मौजूद रहे। अनाथ बच्चों की संरक्षक बनीं डीएम

डीएम दिव्या मित्तल अनाज बच्चों से भेंटकर उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याएं समय से निस्तारित की जाएगी। शिक्षा, भरण-पोषण के अलावा भी यदि कोई दिक्कत हो तो वे समय-समय पर उनसे अथवा सीडीओ से संपर्क करके अवगत कराते रहें। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की रहेगी।


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