जिले में चल रहे छोटे-बड़े 1,756 उद्योग
रवि कुमार शर्मा उपायुक्त उद्योग ने कहा है कि कोरोना को फैलने से रोकने व इससे लोगों की जिदगी बचाना शासन-प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इन परिस्थितियों में औद्योगिक गतिविधि को पटरी पर लाने के लिए भी शासन स्तर से ठोस प्रयास चल रहे हैं। स्थिति सामान्य होते ही सभी छोटे-बड़े उद्योग चलने लगेंगे।
संत कबीरनगर: कोरोना की चपेट में कोई न आए, इसके लिए स्वच्छता और सुरक्षा के नियमों का पालन किया जा रहा है। शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए लॉकडाउन में औद्योगिक इकाइयों को पटरी पर लाने के लिए भी प्रयास चल रहे हैं। माना जा रहा है कि कोरोना पर नियंत्रण की स्थिति में जैसे-जैसे सुधार होगा, वैसे-वैसे औद्योगिक गतिविधियों में भी बदलाव दिखेगा।
जनपद में 6,172 लघु इकाइयां आनलाइन पंजीकृत हैं। इसमें से छोटे-बड़े 1,756 उद्योग चल रहे हैं। इसमें गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर डीघा बाईपास के पास स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में चार, रैना पेपर मिल के पास एक कुल पांच मैदा मिलें चल रही हैं। हाईवे स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में चार राइस मिलें, पांच बेकरी, एक कंफेक्शनरी, एक वाटर प्लांट चल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 200 ईंट भट्ठे, 13 राइस मिलें, 30 से अधिक आटा चक्कियां, लगभग 30 सरसों तेल निकालने वाली मशीन चल रही है। आनलाइन पंजीकृत लघु इकाइयों की तुलना में 28.45 फीसद छोटे-बड़े उद्योग चल रहे हैं। स्थिति सामान्य होते ही शेष 71.55 फीसद छोटे-बड़े उद्योग भी चलने लगेंगे।
रवि कुमार शर्मा, उपायुक्त उद्योग ने कहा है कि कोरोना को फैलने से रोकने व इससे लोगों की जिदगी बचाना शासन-प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इन परिस्थितियों में औद्योगिक गतिविधि को पटरी पर लाने के लिए भी शासन स्तर से ठोस प्रयास चल रहे हैं। स्थिति सामान्य होते ही सभी छोटे-बड़े उद्योग चलने लगेंगे।