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आंधी-पानी से पेड़ गिरे, बालिका की मौत, दूसरी घायल

संतकबीर नगर : बुधवार की शाम करीब साढ़े चार बजे आई आंधी और उसके बाद हुई बारिश से कई पेड़ गिर गए। धर्म

By Edited By: Published: Wed, 25 May 2016 10:53 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2016 10:53 PM (IST)
आंधी-पानी से पेड़ गिरे, बालिका की मौत, दूसरी घायल

संतकबीर नगर : बुधवार की शाम करीब साढ़े चार बजे आई आंधी और उसके बाद हुई बारिश से कई पेड़ गिर गए। धर्म¨सहवा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत टोटहा के भन्ड़ा गांव में तेज आंधी के कारण पेड़ गिर गया। उसकी चपेट में आने से बालिका सुंदरी पुत्री गणेश उम्र 8 वर्ष की मौत हो गई।जबकि रोशनी उम्र 5 वर्ष घायल हो गई। वहीं बखिरा थाना क्षेत्र के नंदौर चौराहे पर स्थित एक व्यक्ति के मकान पर बुधवार शाम को आये तेज आंधी में एक खजूर का पेड़ गिर जाने से मकान का छत और पीछे का कमरा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उस समय उस कमरे में कोई था नही जिससे किसी को चोट नही आई। मानसून आने के निर्धारित समय के पूर्व ही अंधड़ और बरसात को लेकर पहले तो किसानों ने सकून का अनुभव किया था अब आए दिन छीटे पड़ने से उन्हे नुकसान होने का अंदेशा हो गया है। इससे सबसे अधिक नुकसान सब्जी की खेती को हो रहा है जिसका फूल झड़ जाने से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होने का भय है। बुधवार दोपहर बाद हुई बारिश के बाद से मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। तेज हवाओं ने लोगों को चिलचिलाती गरमी से निजात दिला दी। सप्ताह भर पहले हुई पहली बरसात से किसानों के चेहरे खिल गए थे। इसके बाद से सभी खेतों की जुताई करके उसे अगली फसल के लिए तैयार करने के कार्य में लग गए थे। मई माह के आरंभ में खेतों की जुताई करने के पीछे किसानों की मंशा रहती है कि तेज धूप से खेतों में घास फूस की जडे सूख जाने से धान की फसल में आसानी मिलती है। जुताई कार्य करने के बाद दुबारा बरसात हो जाने से किसानों को एक बार फिर से जोताई करने की समस्या का सामना करना पड सकता है। सब्जी उत्पादन के लिए मई माह को सर्वाधिक उत्पादन का माना जाता है। तेज हवा के साथ बरसात होने से सब्जियों के लिए बने ठिकाने आदि टूट जाने से भी नुकसान हुआ है। सब्जी किसान जय प्रकाश, राम नेवास, मेवालाल, प्रहलाद आदि ने बताया कि अब नेनुआ, लौकी, भिडी, बोडा आदि के फल मिल रहे थे जो मौसम की मार के शिकार होने से कम फल लगने की समस्या सामने आ सकती है। हालांकि हवा और बरसात से मौसम आम लोगों के लिए खुशगवार जरूर हुआ है परंतु किसानों के लिए अब यह लाभकर नहीं दिख रहा है।


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