प्रेम हो तुम मेरे, तुम मेरे मर्म हो, आस्था तुम मेरी, तुम मेरे धर्म हो
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में काव्याजंलि कार्यक्रम सम्भल विधान सभा क्षेत्र के बाल विद्या मंदिर में आयोजित हुआ। जिसमें कवियों द्वारा काव्य पाठ कर भावभीनी श्रद्धाजंलि दी।
सम्भल: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में काव्याजंलि कार्यक्रम सम्भल विधान सभा क्षेत्र के सम्भल स्थित बाल विद्या मंदिर में आयोजित हुआ। जिसमें कवियों द्वारा काव्य पाठ कर भावभीनी श्रद्धाजंलि दी। कवि अशोक कुमार कृष्णम द्वारा प्रेम हो तुम मेरे, तुम मेरे मर्म हो, आस्था तुम मेरी तुम मेरे धर्म हो। बदरजहां ने फरमाया कि वक्त ने आदमी का ऐसा लिया इन्तकाम, उलझने जो बांटता था अब वही उलझन में है। डीएन शर्मा ने कहा वाजपेयी की कविता मन से कोई बड़ा नही होता। दूर दराज से आए कवियों में उज्जवल, ब्रजेश शार्य, कपिल वर्मा, राजेश यादव, दीपक गोस्वामी ने काव्य पाठ किया। सासंद सत्यपाल ¨सह सैनी ने अटल जी को भावभीनी श्रद्धाजंलि दी और लोगों से अटल जी के बताये रास्ते पर चलने की अपील की। कार्यक्रम में भाजपा नेता डॉ. अरविन्द गुप्ता, विष्णु रस्तोगी, राजेश ¨सघल, संजय सांख्यधर, हरीश गर्ग, डॉ. यूसी सक्सेना, डॉ. नरेन्द्र ¨सह, अजय शर्मा, परीक्षित, योगेन्द्र शर्मा, योगेन्द्र नेता, सुरेश अटल, जयप्रकाश गुप्ता, पंकज गुप्ता, विरलेश यादव, हरिओम शर्मा आदि रहे।