राजस्थान से वेस्ट यूपी में पहुंचाए जा रहे छुट्टे गोवंश
गो वंश पशु के कटान के बाद जो संभावित साम्प्रदायिक दंगे को भले ही सरकार व पुलिस ने रोक लिया लेकिन इस कार्य से जुड़े लोगों में न कोई भय है और न ही उन्हें इसकी कोई परवाह है। अब गोवंशीय पशु की तस्करी के पीछे के एक नए सच से पर्दा उठा है। मंगलवार की रात कंटेनर में मिले दस गोवंशीय पशुओं को लाने वालों की कहानी पर गौर करें तो यह पूरी तस्करी राजस्थान से संचालित हो रही है। राजस्थान प्रांत के रहने वाले घुमंतू भट जाति के कुछ परिवार इस कार्य में लिप्त हैं। राजस्थान के विभिन्न शहरों से सड़कों पर विचरण करते गोवंशीय पशुओं को हांककर वह पहले तो इसे अपने बेड़े में शामिल करते हैं फिर अलीगढ़ लाकर उसका सौदा 4 से
सम्भल : बुलंदशहर में गोवंश पशु के कटान के बाद जो संभावित साम्प्रदायिक दंगे को भले ही सरकार व पुलिस ने रोक लिया लेकिन इस कार्य से जुड़े लोगों में न कोई भय है और न ही उन्हें इसकी कोई परवाह है। अब गोवंशीय पशु की तस्करी के पीछे के एक नए सच से पर्दा उठा है। मंगलवार की रात कंटेनर में मिले दस गोवंशीय पशुओं को लाने वालों की कहानी पर गौर करें तो यह पूरी तस्करी राजस्थान से संचालित हो रही है। राजस्थान प्रांत के रहने वाले घुमंतू भट जाति के कुछ परिवार इस कार्य में लिप्त हैं। राजस्थान के विभिन्न शहरों से सड़कों पर विचरण करते गोवंशीय पशुओं को हांककर वह पहले तो इसे अपने बेड़े में शामिल करते हैं फिर अलीगढ़ लाकर उसका सौदा 4 से 8 हजार में कर देते हैं। अलीगढ़ से ही यह पशु वेस्ट यूपी के कई जनपदों में पहुंचाए जा रहे हैं।
मंगलवार रात आगरा-मुरादाबाद हाइवे पर धनारी थानाक्षेत्र के ग्राम भाग नगर में वाहन चे¨कग के दौरान पुलिस ने एक कंटेनर को रोका और तलाशी ली तो उसमें से दस गोवंशीय पशु बरामद हुए। गोवंशीय पशु में दो साड़ तथा आठ गाय व बछड़े थे। पुलिस वाहन के चालक और खलासी को गिरफ्तार करते हुए गोवंशीय पशुओं को मय वाहन लेकर थाने चली आई। जब यहां दोनों से सख्ती से पूछताछ हुई तो कई चौकाने वाले खुलासे हो गए। इसके पीछे की कहानी भी राजस्थान से वेस्ट यूपी के पशु तस्करी के तार जोड़ रही है। राजस्थान के घुमंतू जाति का बेधड़क यूपी बार्डर के जिलों में आना जाना है। अपने कुनबे के साथ चलने वाले इस जाति के लोग अपने साथ जानवरों को भी लाते हैं। पहले तो देखने में यह उनके पशु लगते हैं क्योंकि उनका पूरा बेड़ा होता है। ऐसे में बार्डर पार करने के बाद जब वह अलीगढ़ की तरफ आते हैं तो यहां से सौदा शुरू हो जाता है। साड़ की कीमत चार से छह हजार तथा गोवंशीय पशु की आठ से दस हजार में तय होती है। अलीगढ़ से यह पशु वेस्ट यूपी के अमरोहा, सम्भल, बुलंदशहर, मेरठ आदि जनपदो के अवैध स्लाटर हाउस तक पहुंचते हैं जहां से उनकी कटान होती है। बता दें कि गोवंशीय पशु के कटान को लेकर यूपी इस समय सबसे ज्यादा संदिग्ध है। यहां इसे लेकर कई बार तो बवाल की स्थिति बन चुकी है। बुलंदशहर की ताजी घटना इसका प्रमाण है। हालांकि इस घटना को समय रहते पुलिस ने नियंत्रित कर लिया नहीं तो वहां की स्थिति कुछ और ही होती। इतना सब होने के बाद भी बार्डर पर इन जातियों के लोगों पर सख्ती न होने का असर दिख रहा है। इनके द्वारा गोवंशीय पशुओं की तस्करी कर संवेदनशील वेस्ट यूपी को अति संवेदनशील बनाने में जुटे हैं। सम्भल में लगातार मिल रहे गोवंशीय पशु
- नखासा थाना की पुलिस ने सोमवार को खग्गू सराय में पशुओं की कटान करते हुए दो को गिरफ्तार किया।
- रविवार को कोतवाली सम्भल की पुलिस ने दो लोगों को पशुओं की अवैध कटान करते हुए पकड़ा।
- एक माह पहले जीरो प्वाइंट पुलिस चौकी की लापरवाही वाहन पर गोवंशीय पशु लादकर तस्कर सम्भल तक आ गए जहां मुठभेड़ में दो बदमाश पकड़े गए।
- इस मामले में जीरो प्वाइंट पुलिस चौकी को एसपी ने सस्पेंड कर दिया था।
पशुओं की तस्करी को लेकर पुलिस गंभीर है। रात्रि गश्त के साथ ही हाइवे पर विशेष नजर रखी जा रही है। पुलिस टीम को सख्ती के साथ पेश आने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होगा।
यमुना प्रसाद, एसपी सम्भल