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तिहरा हत्याकांड का पर्दाफाश,16 लाख रुपये के मार डाला था, आरोपित गिरफ्तार

पुलिस के लिए सिरदर्द बने तिहरे हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने शुक्रवार को सुलझा दी है। तीनों की हत्या 16 लाख रुपये के लालच में की गई थी और एक ही व्यक्ति ने पहले हथौड़े से तीनों के सिरों पर वार किया तो बाद में तीनों की गला रेतकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से टार्च, तौलिया बरामद की है। एसपी ने प्रेसवार्ता के दौरान मामले का पर्दाफाश करते हुए जानकारी दी। आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसका चालान कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 01:01 AM (IST)
तिहरा हत्याकांड का पर्दाफाश,16 लाख रुपये के मार डाला था, आरोपित गिरफ्तार

चन्दौसी: पुलिस के लिए सिरदर्द बने तिहरे हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने शुक्रवार को सुलझा दी है। तीनों की हत्या 16 लाख रुपये के लालच में की गई थी और एक ही व्यक्ति ने पहले हथौड़े से तीनों के सिरों पर वार किया तो बाद में तीनों की गला रेतकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से टार्च, तौलिया बरामद की है।

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नगर के तेगबहादुर कालोनी में 18 जनवरी को तीन शव मिले थे। महिला संतोष, देवर केसर और नौकरानी श्रुति की गला रेतकर हत्या की गई थी। पर्दाफाश करने के लिए चन्दौसी कोतवाली पुलिस के अलावा बनियाठेर, बहजोई, एसओजी, सर्विलांस, क्राइम ब्रांच, सम्भल व चन्दौसी सीओ को टीम में शामिल करते हुए एएसपी पंकज कुमार के नेतृत्व में टीम जुटी थी। इस दौरान पुलिस ने 60 लोगों से पूछताछ की।

शुक्रवार को तिहरे हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए एसपी यमुना प्रसाद ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि पूछताछ व सर्विलांस से पता चला कि मुहल्ला लक्ष्मनगंज निवासी शानू 16 जनवरी को संतोष के घर गया था। उसे पकड़ा और क्रास पूछताछ की तो उसने तीनों की हत्या करने का जुर्म कबूल किया।

एसपी ने बताया कि संतोष के देवर केसर व शानू समय-समय पर मिलते रहते थे। शानू राजमिस्त्री भी था, लेकिन शानू पर कर्ज हो गया था, ऐसे में कर्ज देने वाले बार-बार तकादा करते थे। आठ जनवरी को शानू ने केसर से पांच हजार रुपये उधार मांगे तो केसर ने कहा कि मकान खाली करने के 16 लाख रुपये मिले है, लेकिन वह रुपये मेरे पास नहीं हैं। संतोष ने उन रुपयों को घर में रख रखा है। यह कहकर केसर ने रुपये देने से इन्कार कर दिया। इस पर शानू को जब कहीं से रुपये नहीं मिले तो वह परेशान होकर 15 जनवरी को दिल्ली चला गया। दिल्ली पहुंचकर संतोष के घर में चोरी करने का मन बना लिया और 16 जनवरी की रात साढ़े आठ बजे यहां पहुंचा। पहले शराब पी और उसके बाद संतोष के घर पहुंचा। आवाज लगाने के बाद केसर ने दरवाजा खोला तो दोनों में काफी देर तक बात हुई। इसके बाद एक व्यक्ति कार लेकर पहुंचा जो प्रत्येक दिन संतोष के घर के सामने ही कार खड़ी करता था। इसके बाद तीनों में काफी देर तक बात होती रही। बाद में कार को खड़ी कर घर चला गया। इसके बाद शानू घुसा और घर में रखी हथौड़ी उठाकर केसर के सिर पर कई वार कर दिए। इससे केसर बेहोश होकर गिर पड़ा। संतोष ने आवाज लगाई तो वह हथौड़ा लेकर संतोष के पास पहुंचा और पहले संतोष और बाद में नौकरानी श्रुति के सिर पर हथौड़े से वार करने शुरू कर दिए। यह दोनों भी बेहोश हो गईं। इसके बाद शानू ने चाबी तलाशने के लिए रजाई उठाई तो चाबी के साथ एक छुरा मिला। इससे शानू ने पहले संतोष, फिर नौकरानी श्रुति और बाद में केसर का गला रेत दिया। बताया कि तीनों की हत्या करने के बाद शानू ने चाबी लेकर अलमारी खोली तो इसमें कुछ नहीं मिला। बाद में दूसरे कमरे में रखी अलमारी खोली तो यहां भी कुछ नहीं मिला। बाद में एक बैड पर रखे छोटे पर्स में 2100 रुपये शानू को मिले तो वह उन्हें ही लेकर चला गया।

एसपी ने बताया कि तिहरे हत्याकांड के बाद शानू सदभावना एक्सप्रेस में बैठा और मुरादाबाद पहुंचकर नए कपड़े खरीदे। कपड़े खरीदने के बाद उसी ट्रेन के शौचालय में जाकर पहने हुए कपड़े उतारे और नए कपड़े पहन लिए। इसके कब्जे से टार्च, तौलिया, छुरा बरामद कर लिया है। सवाल: दस मिनट में कपड़े खरीदकर कैसे बैठ गया उसी ट्रेन में

चन्दौसी: भले ही पुलिस तिहरे हत्याकांड का पर्दाफाश करके अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन इस पर्दाफाश पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि शानू घटना को अंजाम देने के बाद 16 जनवरी की रात चन्दौसी से दिल्ली जाने के लिए सदभावना एक्सप्रेस ट्रेन में बैठ गया और मुरादाबाद ट्रेन रुकने के बाद उसने नए कपड़े खरीदे और फिर से उसी ट्रेन में बैठकर दिल्ली चला गया जबकि यह ट्रेन 16 जनवरी की रात मुरादाबाद रेलवे स्टेशन 1.10 बजे पहुंची और 10 मिनट तक ट्रेन स्टेशन पर रुकी रही। इस दस मिनट में शानू ने कहां से कपड़े खरीद लिए और उसके बाद वह दोबारा इसी ट्रेन में वापस आकर बैठ गया। लोगों का कहना है कि रात को 1 बजे स्टेशन के बाहर कही भी कपड़े नहीं मिलते हैं। अगर मिलते भी हैं तो इतनी जल्दी कपड़े खरीदकर ट्रेन में वापस बैठना लगभग नामुमकिन सा नजर आता है। क्योंकि प्लेटफार्म से बाहर जाने में ही मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर दस मिनट लग जाते है।

क्या किसी ने नहीं देखे शानू के कपड़ों पर खून के धब्बे

चन्दौसी: पुलिस की माने तो शानू ने पहले तीनों के सिरों पर हथौड़े से वार किए तो बाद तीनों का गला रेत दिया। ऐसे में तीनों ने अपनी जान बचाने का भी प्रयास किया होगा। इस बीच शानू के कपड़ों पर भी खून के धब्बे लगे होंगे। अगर खून के धब्बे शानू के कपड़ों पर थे तो घर से निकलकर मुरादाबाद तक क्या किसी ने शानू के कपड़ों पर खून के धब्बे नहीं देखे होंगे। अगर कपड़ों पर खून के धब्बे नहीं थे तो फिर उसे कपड़े बदलने की जरुरत ही क्या थी।

मैं तो पिछले कई माह से हूं घर पर

चन्दौसी: प्रेसवार्ता के दौरान एसपी ने बताया कि शानू पर रुपये नहीं थे। ऐसे में वह परेशान था और 15 जनवरी को शानू पत्नी को मायके में छोड़कर दिल्ली चला गया जबकि शुक्रवार को शानू की पत्नी ने बताया कि मैं आठ माह की गर्भवती हूं। इस हालत में कहां जा सकती हूं। मैं पिछले दो माह से कहीं नहीं गई तो पुलिस कैसे बता रही है कि मैं मायके गई थी। शानू की पत्नी ने बताया कि पुलिस ने मेरे पति को गलत फंसाया है। बेटा ईद पर कुर्बानी तो देख नहीं पाता था, तीन का कैसे रेत दिया गला

चन्दौसी: शानू के पिता महफूज अली ने पुलिस के पर्दाफाश पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरा बेटा कुर्बानी होते हुए तो देख नहीं पाता था, तो फिर कैसे तीन लोगों की गला रेतकर हत्या कर देगा। उन्होंने बताया कि पुलिस मेरे बेटे पर कर्ज बता रही है जबकि मेरे बेटे पर किसी का कर्ज नहीं है। अगर मेरा बेटा मुझसे रुपये मांगता तो में उसे रुपये दे देता। उसे रुपये की जरुरत नहीं थी। इसलिए उसने मुझसे कभी रुपये भी नहीं मांगे। आजतक किसी भी विवाद में उसका नाम तक नहीं आया। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।

सभासद गुलनवाज ने बताया कि पुलिस पहले यह बता दे कि एक व्यक्ति तीन लोगों की कैसे हत्या कर सकता है। अगर अकेला व्यक्ति हत्या कर रहा है तो मरने वाले बचने का प्रयास तो करेंगे, लेकिन वह लोग तो चारपाई पर ही लेटे रहे। सपा नेता खुशनवाज ने बताया कि शानू का आज तक किसी से विवाद तक नहीं हुआ तो वह कैसे हत्या कर सकता है। फहीमउद्दीन ने बताया कि बुधवार को पुलिस ने फोन करके शानू को बुलाया था। मैं स्वयं उसे कोतवाली में छोड़कर आया था। शाम को उसकी पत्नी व अन्य परिजनों से भी पुलिस ने मिलने नहीं दिया, तो अगले दिन हम लोग एसपी से मिले तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि कोई भी निर्दोष जेल नहीं जाएगा। घटना के दिन बहन के साथ दिल्ली में था देवर शानू: भाभी

चन्दौसी: शानू की भाभी शाइस्ता खान ने बताया कि जिन दिन की घटना पुलिस बता रही है, उस दिन मेरा देवर शानू दिल्ली में बहन के घर था। इनकी बहन का फोन मेरे पास भी आया था। उन्होंने बताया कि शानू आया हुआ है, आप भी आ जाओ क्योंकि उस दिन मैं भी दिल्ली में अपने मायके में थी। पुलिस ने गलत तरीके से शानू को फंसाया है।


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