डेंगू के मरीजों की भरमार, विभाग मानने को नहीं तैयार
बहजोई डेंगू की गिरफ्त में दर्जनों लोग जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं जबकि स्व
जागरण संवाददाता, बहजोई: डेंगू की गिरफ्त में दर्जनों लोग जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग कागजों में बचाव कर रहा है। न गांवों में फागिग हो रही है न ही शहर में। हाल यह है कि जिले में सौ से अधिक लोगों को डेंगू है। असमोली क्षेत्र के गांवों के अलावा हसनपुर रोड पर ऐचवाड़ा डींगर, सम्भल शहर के दुर्गा कालोनी, हल्लू सराय मोहल्ला कोट पूर्वी में भी कई केस डेंगू के हैं।
डाक्टरों का कहना है कि रोगग्रसित मरीज का तुरंत उपचार शुरू करें व तेज बुखार की स्थिति में पेरासिटामॉल दें। एस्प्रिन या डायक्लोफेनिक जैसी अन्य दर्द निवारक दवाई न लें। इसके साथ ही खुली हवा में मरीज को रहने दें व पर्याप्त मात्रा में भोजन-पानी दें जिससे मरीज को कमजोरी न लगे।
यह भी कहते हैं कि फ्लू एक तरह से हवा में फैलता है अत: मरीज से 10 फुट की दूरी बनाए रखें तो फैलने का खतरा कम रहता है। जहां बीमारी अधिक मात्रा में हो, वहां फेस मॉस्क पहनना चाहिए। घर के आसपास मच्छरनाशक दवाइ का छिड़काव कराएं।
डेंगू बुखार के लक्षण
सिर, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द।
जी मिचलाना, उल्टी आना, ग्रंथियों में सूजन।
त्वचा पर लाल चकत्ते होना। डेंगू बचाव के तरीके
. एडिस मच्छर दिन में काटते हैं, अत: शरीर को पूर्ण रूप से ढकें। . पानी के फव्वारों को हफ्ते में एक दिन सुखा दें। घर के आसपास छत पर पानी एकत्रित न होने दें। . घर का कचरा सुनिश्चित जगह पर डालें, जो कि ढका हो। . पानी की टंकियों को कवर करके रखें व नियमित सफाई करें।
कोट:
जनपद में लोगों को डेंगू से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है । वही सूचना मिलने पर स्वास्थ्य कर्मी मौके पर पहुंच रहे हैं । अभी तक सरकारी आंकड़ों में डेंगू के मरीज पाए जाने की कोई भी सूचना दर्ज नहीं है । डॉ. विनोद कुमार शर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी, सम्भल।