इन्द्रियां ईश्वर प्राप्ति का साधन
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चन्दौसी: नगर के गऊशाला रोड स्थित आरएस इंटर कॉलेज परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथाव्यास सुश्री राधा ने भक्त प्रहलाद जन्म चरित्र, गजेन्द्र मोक्ष, समुद्र मंथन व वामन अवतार को कथा के माध्यम से भगवत भक्ति का बोध कराया। उन्होंने बताया कि परमेश्वर पर श्रद्धा रखकर मनसा, वाचा, कर्मणा, दिनरात लड़ते रहोगे तो अंत की घड़ी अतिराम उत्तम होगी। भक्त प्रहलाद जन्म चरित्र, गजेन्द्र मोक्ष, समुद्रमंथन व वामन अवतार द्वारा राजा बलि को देव लोक में स्थान दिया गया। समुन्द्र मंथन में भगवान श्रीहरि ने दैत्यों को अमृत नही मिलने दिया और देवता हरिकृपा से स्वर्ग में विराजमान हुए। हमारी इन्द्रियां ईश्वर प्राप्ति की साधन है। उन्हें ईश्वरमय कर दो, हरिकथा सुनों। हमारा जीवन एक महान यज्ञकर्म है। कोई कर्म जब इस भावना से किया जाता है कि वह परमेश्वर का है तो मामूली होने पर भी वह पवित्र हो जाता है।