भारत हमारी आत्मा, हम जानते हैं भावनाओं की कद्र : नूरान सिस्टर
गीत प्रस्तुत कर अपने सूफी गीतों के सफर को आगे बा करते हुए सुल्ताना नुरान ने कहा कि लोगों के दिलों पर जो गीत राज करे वही बेहतर है। हमारी कोशिश रहती है कि लोग सूफी गीतों को पसंद करे। हमने सबके लिए गीत गाए है। सूफी गीतों की ऐसी श्रंखला है जो देश के सबसे ज्यादा लोगों की पसंद है। यही बातें उनकी बहन ज्योति नूरान के हैं। वह कहती हैं कि वह अपने परिवार की सातवीं पी कर रही हैं। इसके पहले उनकी नानी, परनानी ने इसे आगे व गीतों के दीवाने भी ज्यादा हैं आज भारत में सबसे ज्यादा सूफी पसंद किया जा रहा है।
सम्भल : पाकिस्तान और भारत दोनों देशों की जनता के लिए लोकप्रिय सूफी भजनों के लिए जानी जाने वाली नूरान बहन ज्योति व सुल्ताना का कहना है कि सूफी गायन के बिना उनका गायन अधूरा है। भारत हमारी आत्मा है और यहां के लोगों की भावनाओं की कद्र करना वह जानती हैं।
मूल रूप से पाकिस्तान की रहने वालीं नूरान बहने मौजूदा समय में भारत के पंजाब स्थित होशियारपुर में रह रही हैं। गुरुवार को सम्भल के ऐचोड़ा कम्बोह में कल्कि महोत्सव में पहुंचीं। यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह पांच सौ से अधिक फिल्मों में गीत दे चुकी हैं। सुल्तान, तनू वेड्स मनू, दंगल, टाइगर ¨जदा है जैसी फिल्मों में अपने सूफी गीत प्रस्तुत कर चुकी हैं। सुल्ताना नूरान ने बताया कि लोगों के दिलों पर जो गीत राज करे वही बेहतर है। हमारी कोशिश रहती है कि लोग सूफी गीतों को पसंद करें। हमने सभी के लिए गीत गाए हैं। सूफी गीतों की ऐसी श्रृंखला है जो देश के सबसे ज्यादा लोगों की पसंद है। ज्योति नूरान कहती हैं कि वह अपने परिवार की सातवीं पीढ़ी में हैं। इसके पहले उनकी नानी, परनानी भी भजन गाती थीं। आज भारत में सबसे ज्यादा सूफी गायन पसंद किया जा रहा है।