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Sanskarshala 2022 : बर्बाद होने के लिए नहीं, सफल होने के लिए करें इंटरनेट मीडिया का प्रयोग

Sambhal Sanskarshala 2022 संभल में पंवासा के प्राथमिक विद्यालय की इंचार्ज शिक्षक राखी शर्मा ने बताया कि आज का वर्तमान युग विज्ञान का है। आज के जमाने में प्रत्येक व्यक्ति विज्ञान पर निर्भर है। किंतु विज्ञान की उपलब्धियों में कई फायदे है तो कुछ नुकसान भी हैं।

By Jagran NewsEdited By: Samanvay PandeyPublished: Thu, 06 Oct 2022 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 06:12 PM (IST)
Sanskarshala 2022 : बर्बाद होने के लिए नहीं, सफल होने के लिए करें इंटरनेट मीडिया का प्रयोग
Sambhal Sanskarshala 2022 : संभल में पंवासा के प्राथमिक विद्यालय की इंचार्ज शिक्षक राखी शर्मा।

Sambhal Sanskarshala 2022 : संभल में पंवासा के प्राथमिक विद्यालय की इंचार्ज शिक्षक राखी शर्मा ने बताया कि आज का वर्तमान युग विज्ञान का है। आज के जमाने में प्रत्येक व्यक्ति विज्ञान पर निर्भर है। किंतु विज्ञान की उपलब्धियों में जहां एक ओर कई फायदे है तो कुछ नुकसान भी हैं, जिसमें से एक है इंटरनेट मीडिया।

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दो धारी तलवार है इंटरनेट मीडिया

इंटरनेट मीडिया एक दो धारी तलवार की तरह है या कहा जाए तो वह एक केंद्र है, जिसके एक तरफ कुंआ और एक तरफ खाई है। यह एक ऐसी सुविधा है जो एक तरफ अपनों से जुड़ा रहने का मौका देकर अकेलेपन और बेचैनी के एहसास को दूर रखता है।

साइबर बुलिंग के हो रहे शिकार

वहीं दूसरी ओर साइबर बुलिंग और दूसरों के जीवन से तुलना की प्रवृत्ति के चलते उसका अधिक प्रयोग मानसिक तनाव को जन्म देता है, जिस कारण व्यक्ति अधिक तनाव के चलते डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। आजकल युवा बालक-बालिकाएं इंटरनेट मीडिया का अधिक प्रयोग करते हैं।

इंटरनेट मीडिया से तुलनात्मक विचार जन्म लेते

वह फेसबुक, व्हाट्सएप का अधिक उपयोग करते हैं, जिस कारण उनका दिमाग अन्य कार्यों में उलझना शुरू हो जाता है। किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है, जिसमें बच्चों में नई नई भावनाएं पैदा होने के साथ ही कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं। ऐसी स्थिति में इंटरनेट मीडिया से अगर अच्छी बातें पता चलती हैं तो तुलनात्मक विचार भी जन्म लेते हैं।

शारीरिक सक्रियता की कमी कई बीमारियों को देती जन्म

फेसबुक, व्हाटसएप व इंस्टाग्राम जैसी साइटों से घंटों चिपके रहने वाले लोगों में शारीरिक सक्रियता की कमी के चलते डायबिटीज व दृष्टि दोष समेत कई अन्य बीमारियां जन्म लेती हैं। इंटरनेट मीडिया भले ही दोस्तों रिश्तेदारों से जुड़ने का मौका देता है, लेकिन दोनों पक्षों में आमने सामने का संवाद नहीं होता है। जो भावनात्मक जुड़ाव के लिए जरूरी है।

घर के सदस्यों के बीच बना दी दूरी

इन साइटों का प्रयोग नींद न आना जैसी बीमारियों को जन्म देता है। साथ ही स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी के संपर्क से स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित होना इसकी मुख्य वजह है। आजकल इंटरनेट मीडिया ने एक ही घर में रहने वाले चार सदस्यों के बीच इतनी दूरी बना दी है कि एक ही छत के नीचे सब अकेले रहना पसंद करते हैं।

नोटिफिकेशन अलर्ट का रखें बंद

अत: भविष्य में आने वाली दुर्घटनाओं से बचने व आपस के प्रेम को बनाए रखने के लिए इस लत से छुटकारा पाना अति आवश्यक है, जिसके लिए हम कुछ उपाय तो कर ही सकते हैं। जैसे अपने मोबाइल से नोटिफिकेशन अलर्ट को बंद कर दें। नोटिफिकेशन साउंड मोबाइल की तरफ भागने को बढ़ावा देती है।

परिवार के साथ समय बिताएं

फेसबुक, इंस्ट्राग्राम व व्हाट्सएप अकाउंट खंगालने की तलब जगे तो फोन उठाने की बजाय दिल को भाने वाली किसी गतिविधि से मन को उलझाने की कोशिश करें। परिवार के साथ बाहर घूमने जाए, परिवार के सदस्यों के साथ अंताक्षरी आदि ऐसे खेल खेले जो आपके मन को हर्षित कर दे।

सोते समय बेड से दूर रखें मोबाइल

परिवार के साथ बैठकर भोजन करें, पार्क में घूमने निकल जाए ताकि फोन का इस्तेमाल कम हो सके। इसके साथ ही फोन को इस्तेमाल करने का समय निर्धारित करें। किसी नकारात्मक पोस्ट को आते ही आगे बढ़ा दें। रात को फोन को बेड से दूर रखें। ताकि इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल की तलब लगने पर यह फौरन हासिल न हो सके।

हो सके तो मोबाइल को साइलेंट मोड पर रख दें, इससे आपको नोटिफिकेशन अलर्ट नहीं मिलेगा और उसे जांचने की इच्छा भी नहीं पनपेगी। मोबाइल फोन का नशा किसी सिगरेट या शराब से कम खतरनाक नहीं है। एक बार लग जाए तो भूख, प्यास नींद सब उड़ जाते हैं।

इसलिए फेसबुक की दुनिया में चल रही हलचल को अपनी भावनाओं पर कभी हावी न होने दें। व्हाट्सएप पर दूसरों की उपलब्धियों व फोटो को देखकर उनकी खुशियों की अपने से तुलना कभी न करें। मत भूले कि जीवन एक ही बार मिला है। घूमने फिरने व अपनों के साथ जश्न मनाने के मौके सभी के जीवन में आते हैं।

अपने इस बहुमूल्य जीवन की महत्ता को समझे और इसे श्रेष्ठ बनाए। सोशल मीडिया का प्रयोग करें, लेकिन अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए ना कि बर्बाद करने के लिए। आपका जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। इसे अपनों के लिए कारगर करें, बर्बाद नहीं। 


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