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महामृत्युंजय मंत्र के साथ दी गई यज्ञ में आहुतियां

सम्भल कल्कि महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को असमोली के ऐचोड़ा कम्बोह स्थित

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 12:22 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 12:22 AM (IST)
महामृत्युंजय मंत्र के साथ दी गई यज्ञ में आहुतियां
महामृत्युंजय मंत्र के साथ दी गई यज्ञ में आहुतियां

जागरण संवाददाता, सम्भल : कल्कि महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को असमोली के ऐचोड़ा कम्बोह स्थित कार्यक्रम स्थल पर विविध आयोजन किए गए। महामृत्युंजय मंत्र के साथ संकट मोचन महायज्ञ में अतिथियों द्वारा आहुति दी गई। श्री कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मुख्य वेदी पर उपस्थित होकर महामृत्युंजय मंत्र की 108 आहुतियां लगवाई।

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देश की खुशहाली और सभी की सलामती की प्रार्थना की गई। हनुमान चालीसा का पाठ यज्ञाचार्य केशव देव शर्मा द्वारा किया गया। मुख्य वेदी पर मुख्य यजमान संजीव त्यागी, पवित्रा त्यागी, प्रभा चौधरी, सुधीर चाहल वंदना चाहल ने आहुति दी।

वृंदावन से आए राम सेना के अध्यक्ष स्वामी विष्णु विनोद एवं हरियाणा महामंडलेश्वर स्वामी कल्याण देव ने महामृत्युंजय मंत्र के साथ आहुतियां दी। इस अवसर पर लव कुश शर्मा, गणेश ईशु प्रखर, हेमंत सिंह परिहार, नितिन त्यागी, निशांत त्यागी, गौरव यादव, रामअवतार जिदल, सुधीर त्यागी, कपिल त्यागी, संजीव गुप्ता, राजपाल त्यागी, शताक्षी, प्रियंका आदि लोग उपस्थित रहे।

विषम परिस्थिति में भी पावन महोत्सव : पंक्षी देवी

सम्भल : श्री सीता माता की जय-जय, श्री राधा-माधव की जय-जय श्री हनुमंत लला की जय-जय, काल विनाशिनी की जय-जय के साथ अपने प्रवचन की शुरुआत करते हुए पंक्षी देवी ने कहा कि विषम परिस्थिति में भी पावन महोत्सव का संचालन हो रहा है। मानव के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि मानव को प्रदूषित संस्कार को दूर करना चाहिए। दूषित चितन या विचारधारा को दूर करने की जरूरत है। परमात्मा ने जब सृष्टि बनाई तो वह भी चितित हो गए। गोस्वामी तुलसीदास ने भी मानव तन की महिमा का गुणगान किया है। मानव शरीर में भोगों की प्रधानता है। जबकि मानव द्वारा ब्रह्म का साक्षात्कार हो सकता है। बैंकुंठ के देवता भी मानव शरीर पाना चाहता है। सगुण साकार बन जाता है। बैकुंठ में भाव नहीं है। भक्ति नहीं है। ऐसे में ही भगवान धरती पर अवतार लेते हैं। कभी श्रीराम बनकर आते हैं कभी श्री कृष्ण बनकर आते हैं कभी कल्कि के रूप में आएंगे। उनके प्रवचन को सबने एकाग्रता के साथ सुना और मानव जीवन की व्याख्या सुनकर भाव विभोर हो गए। धर्म गुरु व नेताओं को अर्पित की गई श्रद्धांजलि

सम्भल : श्री कल्कि धाम में श्री कल्कि महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को महामंडलेश्वर स्वामी मार्तंड पूरी, स्वामी पुनितानन्द, शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादि़क, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल को 2 मिनट की प्रार्थना के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जो आज है कल नहीं रहेगा, लेकिन लोग यादों के साथ हमेशा साथ रहते हैं। सभी लोगों को याद करते हुए यज्ञ में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिग सम्भल : श्री कल्कि धाम में तीसरे दिन कृष्णम समिति के लोगों द्वारा विशेष अभियान चलाया गया। महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे श्रद्धालुओं को गेट पर रोककर समिति अध्यक्ष गणेश ईशु प्रखर ने थर्मल स्क्रीनिग की। समिति के पदाधिकारियों के साथ श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज कराए गए और उनको मास्क दिया गया। श्रद्धालुओं से कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करने को कहा गया। हेमंत सिंह परिहार, मनोज मित्तल, नितिन त्यागी, निशांत त्यागी, शलभ अग्रवाल, दीपक वाष्र्णेय, यश गुप्ता आदि लोगों का विशेष सहयोग रहा।


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