एनकाउंटर में नहीं चली पिस्टल, तो यूपी पुलिस के दारोगा ने मुंह से की ठांय-ठांय
संभल में जब अपराधी का एनकाउंटर करने गन्ने के खेत में उतरे दारोगा व कॉन्टेबल की पिस्टल ने दांव दे दिया तो यह लोग मुंह से ही ठांय-ठांय की आवाज निकालकर एनकाउंटर में जुट गए।
संभल (जेएनएन)। अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर एनकाउंटर करने में लगी उत्तर प्रदेश की पुलिस तो अब मुंह से भी अच्छा एनकाउंटर करने लगी है। संभल में ऐसा ही मामला सामने आया है, जब अपराधी का एनकाउंटर करने गन्ने के खेत में उतरे दारोगा व कॉन्टेबल की पिस्टल ने दांव दे दिया तो यह लोग मुंह से ही ठांय-ठांय की आवाज निकालकर एनकाउंटर में जुट गए।
अलीगढ़ में मीडिया को आमंत्रण देकर एनकाउंटर के टेलीकास्ट कराने के मामले में किरकिरी झेल रही प्रदेश की पुलिस ने नया कारनामा किया है। यूपी पुलिस की एक और हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। संभल में पुलिस बदमाश का पीछा करते हुए जंगल की तरफ पहुंच गई और जब पुलिस को यह लगने लगा कि बदमाश कुछ दूरी पर है तो, गोली चलाने की बारी आई। इस दौरान तो वहां पर कुछ पुलिसकर्मियों ने गोली चलाई, लेकिन दारोगा की पिस्तौल लाख कोशिश के बाद भी नहीं चल पाई। दारोगा कोशिश करते रहे और जब पिस्टल से गोली नहीं निकली। इसके बाद तो उन्होंने तथा साथियों मुंह से ही गोली चलने की आवाज निकालनी शुरू कर दी।
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में भी दरोगा जी मुंह से ही ठांय-ठांय की आवाज निकालकर बदमाश को ललकार रहे थे। यह घटना शुक्रवार देर रात की है। असमोली थाने की पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। गोली नहीं चलाए जाने के बाद भी पुलिस ने 25 हजार का इनामी घायल बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर और सिपाही गोली लगने से घायल हो गए। इसके बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बदमाश का दूसरा साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में फरार हो गया। पुलिस अब इनामी बदमाश से पूछताछ कर रही है। असमोली थाना क्षेत्र में 25 हजार के इनामी बदमाश रुकसाद से मुठभेड़ करने निकली पुलिस के हथियार ऐन वक्त पर दगा दे गए। एक दारोगा की पिस्टल ही नहीं चली। इसके बाद उस दारोगा ने मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकाली। इसका वीडियो वायरल होने पर मुठभेड़ का यह सच सामने आया है।
शुक्रवार देर रात असमोली पुलिस मंसूरपुर माफी गांव में गश्त कर रही थी। इसी दौरान बाइक सवार दो लोग दिखे। पुलिस ने उन्हें रोका तो फायरिंग करते हुए बदमाश बाइक छोड़कर गन्ने के खेत में घुस गए। इस पर पुलिस ने खेत की घेराबंदी कर ली। मौके पर पहुंचे एक दारोगा ने अपनी पिस्टल निकालकर फायरिंग करने का प्रयास किया। कई बार टिगर दबाने के बावजूद गोली नहीं चली। इस पर दारोगा ने मुंह से गोली चलने की आवाज निकालनी शुरू कर दी। वह वहां पर आवाज निकालता रहा और आगे बढ़ता रहा।
#WATCH: Police personnel shouts 'thain thain' to scare criminals during an encounter in Sambhal after his revolver got jammed. ASP says, 'words like 'maaro & ghero' are said to create mental pressure on criminals. Cartridges being stuck in revolver is a technical fault'. (12.10) pic.twitter.com/NKyEnPZukh
— ANI UP (@ANINewsUP) October 13, 2018
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में भी दरोगा जी मुंह से ही ठांय-ठांय की आवाज निकालकर बदमाश को ललकार रहे थे। यह घटना शुक्रवार देर रात की है। असमोली थाने की पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। गोली नहीं चलाए जाने के बाद भी पुलिस ने 25 हजार का इनामी घायल बदमाश रुकसाद को गिरफ्तार कर लिया। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर और सिपाही गोली लगने से घायल हो गए। इसके बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बदमाश का दूसरा साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में फरार हो गया। पुलिस अब इनामी बदमाश से पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने अपनी पुरानी कहानी को दोहराया और बताया शुक्रवार देर रात वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। इसी बीच गाड़ी पर सवार लोगों को रोकने की कोशिश की गई। इस दौरान वह लोग पुलिस को देखकर बैरियर तोड़ते हुए भागने लगे। पुलिस ने घेराबंदी की तो पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश को गोली लगी, जिसकी पहचान 25 हजार के इनामी बदमाश रुकसाद के रूप में हुई है। इस दौरान मुदित शर्मा भागने में सफल रहा।
इस गिरफ्तार बदमाश के पास से लूट की स्कार्पियो सहित 315 बोर तमंचा और पांच जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। बदमाश रुखसार पर एक दर्जन से अधिक संगीन मामलों के केस दर्ज है। इस एनकाउंटर में गोली नहीं चल पाने पर मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालकर बदमाश को ललकारने पर संभल पुलिस ट्रोल हो रही है।
गनीमत रही कि दारोगा के सामने बदमाश नहीं पड़ा नहीं तो कोई बड़ी घटना हो जाती। एएसपी पंकज कुमार पाडेय ने बताया कि पिस्टल से फायर हुआ था। पिस्टल से फायर न होने की बात गलत हैं। दारोगा फायर करते हुए भी डरता हुआ नजर आया। भले ही मुठभेड़ के दौरान दारोगा की पिस्टल न चली हो, लेकिन वीडियो में साफ दिख रहा है कि दारोगा फायर भी सही तरह से नहीं कर पा रहा था। एएसपी ने इस वीडियो पर सफाई देते हुए कहा - मारो..घेरो जैसे शब्दों का इस्तेमाल बदमाशों पर मेंटल प्रेशर बनाने के लिए किया जाता है। जहां तक बंदूक न चलने की बात है तो वह तकनीकि खराबी की वजह से हुई थी।
अपने कारनामों की वजह से चर्चाओं में रहने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। पुलिस को शुक्रवार शाम पुलिस को पता चला कि संभल के जंगल में कुछ बदमाश छिपे हैं। पुलिस वहां गई तो बदमाशों का पीछा करना शुरू कर दिया। जैसे ही पुलिस ने पिस्टल चलाई तो लाख कोशिश के बाद भी गोली चल नहीं सकी। यहां पुलिसकर्मी ने काफी कोशिश की और अंत में जब पिस्टल नहीं चली तो उन्होंने मुंह से ही गोली चलने की आवाज निकालनी शुरू कर दी। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि एक सब इंस्पेक्टर ठांय-ठांय की आवाज निकालकर बदमाशों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।दारोगा अधिकारियों के डर से बदमाश को पकडऩे के लिए आगे तो बढ़ रहा था। लेकिन, उसका पूरा शरीर काप रहा था। दारोगा फायर करने के लिए हाथ ऊपर उठाता था और मुंह नीचे कर लेता था।
सवालों के कठघरे में पुलिस
मुठभेड़ में चिंतन वाली बात यह है कि आखिर यह वीडियो कैसे बनी और घटनास्थल से बाहर कैसे आ गई। पहला सवाल है कि वीडियो किसने बनाई। मुठभेङ के दौरान कहीं से भी गोली चलने और किसी को भी गोली लगने की संभावना होती है, ऐसे में उसी स्थान पर जाकर आराम से वीडियो बनाने की बात भी किसी के गले नहीं उतर रही है।
क्या पुलिस वालों ने ही बनाई थी मुठभेड़ की वीडियो
फिलहाल, खाकी के गलियारों में चर्चा है कि वीडियो पुलिस ने अपनी वाहवाही लूटने के लिए बनवाई होगी लेकिन इसमें कुछ अंश ऐसे निकले जो पुलिस की किरकिरी करा रहे हैं। मुठभेड़ हमेशा अचानक होती है, जहां सिर्फ पुलिस टीम ही रहती है। ऐसे पिस्टल के दगा देने की खबर जब प्रदेश स्तर पर छाई तो एक सवाल खड़ा हो गया कि आखिर यह मामला कैसे मुठभेड़ स्थल से आमजन के बीच में आ गया। यह तो स्पष्ट है कि जिस समय मुठभेड़ हो रही थी उसी समय इसकी बाकायदा वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही थी। सवाल खड़ा हो गया कि मुठभेड़ के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग की क्या जरूरत थी। पुलिस ने अपनी वाह वाही लूटने के चक्कर में यह रिकॉर्डिंग कराई और यह रिकॉर्डिंग ही उसके गले की फांस बन गई है।
वीडियो कैसे वायरल हुआ जांच कराई जा रही: एएसपी
अपर पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार पांडे की माने तो मुठभेड़ या सामान्य तरीके से कभी-कभी पिस्टल दगा दी जाती है हालांकि यह कोई ऐसा मामला नहीं है कि जिस पर चर्चा की जाए। वीडियो के प्रकरण को लेकर उन्होंने जरूर कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर यह वीडियो कैसे वायरल हुआ क्योंकि घटनास्थल पर पुलिस ने बड़े ही सतर्कता के साथ मुठभेड़ की घटना को अंजाम दिया था, वह काफी संवेदनशील थी और किसी भी समय कुछ भी हो सकता था।
कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पुलिस ने एक ऐसे एनकाउंटर को अंजाम दिया जो कि अपने आप में अनोखा था। दरअसल इस एनकाउंटर के पहले पुलिस ने इसका गवाह बनने के लिए कुछ पत्रकारों को बुलाया था। जबकि आमतौर पर पुलिस एनकाउंटर को बिना किसी की मौजूदगी में अंजाम दिया जाता है।