नवरात्र के तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की हुई पूजा अर्चना
शक्ति उपासकों के महापर्व चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को माता के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की गई। पूजा अर्चना के लिए मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। सुबह से रात तक मंदिरों पर माता के जयकारे होते रहे। शाम को देवी मंदिरों पर भजन कीर्तन का सिलसिला शुरू हुआ जो देर रात तक चला। नगर के मौलागढ़ स्थित प्राचीन देवी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में भोर से ही भक्तों की भीड़ जुट गई। भक्तों ने शीश नवाकर और विधि
चन्दौसी: शक्ति उपासकों के महापर्व चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को माता के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की गई। पूजा अर्चना के लिए मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। सुबह से रात तक मंदिरों पर माता के जयकारे होते रहे। शाम को देवी मंदिरों पर भजन कीर्तन का सिलसिला शुरू हुआ जो देर रात तक चला। नगर के मौलागढ़ स्थित प्राचीन देवी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में भोर से ही भक्तों की भीड़ जुट गई। भक्तों ने शीश नवाकर और विधि विधान से माता की पूजा अर्चना की। इस दौरान देवी मंदिरों को विद्युत झालरों और फूलों से सजाया गया। विभिन्न देवी मंदिरों पर माता का विशेष श्रंगार किया गया। आचार्य पंडित हरीश शर्मा ने बताया कि मां चंद्रघंटा के मस्तिष्क पर घंटे के आकार का आधा चंद्र शोभित है। मां के शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। मां सिंह पर विराजमान हैं। इनकी कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होने लगते हैं। आराधना से वीरता, निर्भयता एवं सौम्यता की प्राप्त होती है।