बारह साल बाद हुआ कल्कि वाहिनी का गठन, लवकुश संयोजक
रविवार को सुबह यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ समाप्त होने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मनुष्य का कुछ पता नहीं होता कि कब अंत हो जाए। मैं भी आज हूं हो सकता हैं कि कल न रहूं, लेकिन अभी तक मैंने अपना कोई उत्तराधिकारी नहीं चुना है। जो इस महोत्सव को प्रत्येक साल इसी तरह आयोजित करते रहे। क्योंकि मैं चाहता हूं कि भगवान कल्कि के अवतार तक हम उनका यहां पर स्वागत करते रहे। इसलिए मैं अब एक कल्कि वाहिनी समि
सम्भल: एंचोड़ा कंबोह में कल्कि महोत्सव का आयोजन पिछले 12 साल से हो रहा हैं, लेकिन अभी तक महोत्सव के लिए समिति का भी गठन नहीं किया गया है, लेकिन रविवार को यज्ञ के दौरान उन्होंने महोत्सव के अगले आयोजन और भी भव्य बनाने के उद्देश्य से कल्कि वाहिनी का गठन किया। समिति का गठन तीन साल के लिए किया है और उसका संयोजक लवकुश शर्मा को बनाया है।
रविवार सुबह यज्ञ का आयोजन किया गया। इस दौरान, आचार्य प्रमोदकृष्णम् ने कहा कि मनुष्य का कुछ पता नहीं होता कि कब अंत हो जाए। मैं भी आज हूं, हो सकता हैं कि कल न रहूं, लेकिन अभी तक मैंने अपना कोई उत्तराधिकारी नहीं चुना है। जो इस महोत्सव को प्रत्येक साल इसी तरह आयोजित करते रहे। क्योंकि मैं चाहता हूं कि भगवान कल्कि के अवतार तक हम उनका यहां पर स्वागत करते रहे। इसलिए मैं अब एक कल्कि वाहिनी समिति का गठन कर रहा हूं। यह समिति का गठन तीन साल के लिए किया गया है। इसका संयोजक लवकुश शर्मा होंगे। हालांकि उन्होंने संयोजक के अलावा किसी अन्य सदस्य व पदाधिकारी की घोषणा नहीं की।