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सोना जाधव के भजनों पर झूमे साधु संत व श्रद्धालु

अ। पंजाबी गीत मैनू चढइया रूप दा जहर......प्यार की बीड सुना जाऊं.....प्रस्तुत कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। जैसे जैसे घड़ी सुई समय की रफ्तार को बढ़ा रही थी तो गायिका सोना जाधव भी गीतों से समय को थामने की जुगत में थी। इसी कडी मे प्रेम से बोलो जय माता दी, सारे बोलो जय माता दी गीत ने सभी भक्तो को झूमने पर विवश कर दिया। चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है भजन ने सबको थिरकने पर मजबूर कर दिया। माता के भजन पर हाथ उठाकर भीड ने मां का आवाहन किया। ॠषियो से सुना है वेदो मे लिखा है सबने यही कहा है भजन जब प्रस्तुत किया तो माहौल भक्ति व उल्लास में डूबा। भजन के जरिए श्री कृष्ण के पूरे जीवन चरित्र को शानदार अंदाज मे सबके सामने रख दिया। वंशी वाले काले किशन कन्हैया तेरी मै दीवानी हो गई...गीत पर कत्थक नृत्य कलाकार आराध्य भी खुद को रोक नही सके। सांवरिया ऐसी तान सुना मेरे मोहन...मै नाचू तू गा....भजन के जरिए समां बाध दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 12:51 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 12:51 AM (IST)
सोना जाधव के भजनों पर झूमे साधु संत व श्रद्धालु
सोना जाधव के भजनों पर झूमे साधु संत व श्रद्धालु

सम्भल । अपने खुद के लिखे कलियुग का शासन लिखने आएंगे..सम्भल में घोड़े पर कल्कि आएंगे..भजन से जब प्रख्यात गायिका सोना जाधव ने कल्कि महोत्सव की सांस्कृतिक शाम का मंच संभाला तो हर तरफ कल्कि भगवान के जयकारे लगने शुरू हो गए। भजन के बोल कार्यक्रम से महज महज कुछ ही समय पूर्व लिखने वाली सोना जाधव ने सम्भल के कल्कि नगरी की शाम को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। यह सिलसिला जब शुरू हुआ तो मानो समय भी ठहर सा गया था। इसके पहले कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम्, आचार्य कल्याण देव, नवीनानंद, विनय जैन ने भगवान श्री कल्कि का स्मरण करते हुए दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद संचालक के रूप में जिम्मेदारी संभालने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने गायिका सोना जाधव का परिचय कराया तो आए अतिथियों का सम्मान करते हुए भगवान श्री कल्कि के जयकारे लगवाए। आचार्य ने स्वागतम कल्कि भजन पेश किया। इसके बाद भजन गायिका सोना ने मंच संभाला। भगवान श्री कल्कि अवतार को लेकर लिखे इनकी भजन की प्रस्तुति सबने सराही। इसी क्रम में उन्होंने कृष्ण भक्ति के भजन बन गई जोगनिया.....व श्री कृष्ण गो¨वद...प्रस्तुत किया। शुक्रवार को गोपाल अष्टमी की तिथि होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने श्रीकृष्ण के कई भजन भी गाए। इसी क्रम में भजन का अंदाज बदलते हुए इसे सूफियाना गीतों की ओर मोड़ीं। मैं तो पिया से नैना लड़ाई आइ रे.....प्रस्तुत किया। पंजाबी गीत मैनू चढ़इया रूप दा जहर......प्यार की बीड सुना जाऊं.....प्रस्तुत कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। इसी कड़ी में प्रेम से बोलो जय माता दी, सारे बोलो जय माता दी गीत ने सभी भक्तों को झूमने पर विवश कर दिया। चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है भजन ने सबको थिरकने पर मजबूर कर दिया। माता के भजन पर हाथ उठाकर भीड़ ने मां का आवाहन किया। ऋषियों से सुना है वेदों में लिखा है सबने यही कहा है भजन जब प्रस्तुत किया तो माहौल भक्ति व उल्लास में डूब गया। भजन के जरिए श्री कृष्ण के पूरे जीवन चरित्र को शानदार अंदाज मे सबके सामने रख दिया। वंशी वाले काले किशन कन्हैया तेरी मै दीवानी हो गई...गीत पर कत्थक नृत्य कलाकार आराध्य भी खुद को रोक नही सके। सांवरिया ऐसी तान सुना मेरे मोहन...मै नाचू तू गा....भजन के जरिए समां बांध दिया। बीच बीच में श्रोताओं को भजन पर गुनगुनाने, ताली बजाने तथा यहां तक कि झूमने की बात कहते हुए संचालक आचार्य प्रमोद ने भी समां बांध दिया। प्रभु के भजन की प्रस्तुति के क्रम में उन्होंने भी अपने बोल सुनाए। इनसेट

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राधा कृष्ण के नृत्य ने मोह लिया मन

सम्भल : महादेव ग्रुप ने शानदार अंदाज मे राधा कृष्ण के नृत्य की प्रस्तुति दी। राधा कृष्ण के नृत्य को सबने सराहा। हैप्पी व शुभम की प्रस्तुति सराही गई।


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