कल्कि मंदिर न बनने पर संतों ने जताई नाराजगी
नहीं है। जबकि सभी लोग हमारे है। हम तो भगवान का गुणगान करते है तो लोगों की सुख शांति के लिए प्राथना भी करते है। साथ ही सत्संग में कल्कि मंदिर बनाने का मुद्दा भी उठाया गया। वक्ताओं ने कहा कि इस धरती पर भगवान कल्कि का अवतार होना तय है। भगवान के जन्म से पहले यहां पर उनके स्वागत के लिए भक्तों को तैयार किया जा रहा है। पहले से ही भगवान के स्वागत के लिए तमाम कार्य किए जा रहे है।उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने मंदिर बनने का विरोध करके सहीं नहीं किया। क्योंकि आचार्य प्रमोद कृष्णम पहले ऐसे संत है। जो पूरे देश के लोगों को एक साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्
सम्भल: कल्कि महोत्सव के समापन से पूर्व रविवार को दोपहर सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें संतों ने प्रवचन दिए तो मंदिर बनाने का मुद्दा भी जोरों से उठाया गया। कल्कि मंदिर बनाने के लिए संतों ने सहयोग देने का वादा किया।
रविवार को दोपहर कल्कि महोत्सव के पंडाल में सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें पहले तो संतों ने प्रवचन देकर भक्तों को तरह-तरह की जानकारी दी। साथ ही भजन के माध्यम से भी भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया। प्रवचन के दौरान संतों ने कहा कि हम तो समाज के लिए जीते है। क्योंकि हमारा तो कोई भी आगे पीछे नहीं है। जबकि सभी लोग हमारे है। हम तो भगवान का गुणगान करते है तो लोगों की सुख शांति के लिए प्रार्थना भी करते है। साथ ही सत्संग में कल्कि मंदिर बनाने का मुद्दा भी उठाया गया। वक्ताओं ने कहा कि इस धरती पर भगवान कल्कि का अवतार होना तय है। भगवान के जन्म से पहले यहां पर उनके स्वागत के लिए भक्तों को तैयार किया जा रहा है। पहले से ही भगवान के स्वागत के लिए तमाम कार्य किए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने मंदिर बनने का विरोध करके सही नहीं किया। क्योंकि आचार्य प्रमोदकृष्णम् पहले ऐसे संत हैं जो लोगों को एक साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद हैं कि जल्द ही कल्कि धाम का भगवान कल्कि का मंदिर बन जाएगा।