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'केंद्र और प्रदेश में राम भक्तों की सरकार, जरूर बनेगा मंदिर'

सम्भल : रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदाती ने कहा कि अयोध्या

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 01:00 AM (IST)
'केंद्र और प्रदेश में राम भक्तों की सरकार, जरूर बनेगा मंदिर'
'केंद्र और प्रदेश में राम भक्तों की सरकार, जरूर बनेगा मंदिर'

सम्भल : रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदाती ने कहा कि अयोध्या श्रीराम की जन्म भूमि है और मंदिर वहीं बनेगा। भाजपा तो राम की और देश में राम भक्तों की ही सरकार है। इसी सरकार में मंदिर बनेगा। जब अटल जी की सरकार थी तो वहा खुदाई में जो चीजें मिलीं वह किसी मस्जिद में हो ही नहीं सकती थीं। मैं खुद इस बात का गवाह रहा। वहा से भगवान की मूर्ति, धनुष, तीर सहित तमाम सामान मिले जो अयोध्या और प्रभु राम से जुड़ी रही हैं। ऐसे में उस जगह पर पूरी तौर पर श्रीराम का अधिकार है। इस मामले का बातचीत के आधार पर निर्णय होना चाहिए। समझौता हो जाए तो बेहतर होगा। साम्प्रदायिक एकता की मिसाल इससे पेश होगी, लेकिन काग्रेस, सपा और बसपा चाहती नहीं हैं कि इसका निर्णय बातचीत के आधार पर हो। जो मुकदमा चल रहा है वह भी सुन्नी वक्फ बोर्ड आतंकवादी के बल पर लड़ रहा है।

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डॉ. वेदाती शनिवार को सम्भल के एचोड़ा कम्बोह में चल रहे कल्कि महोत्सव में पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यदि काग्रेसी नेता कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम कोर्ट में अर्जी डालकर रोड़ा न अटकाते तो यह मामला हल हो गया होता। अब सभी जान चुके हैं कि विवाद कौन खड़ा कर रहा है। भाजपा चाहे तो अध्यादेश ला सकती है लेकिन वह ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि इससे समाज का एक वर्ग आहत होगा जो सही नहीं है। शिया वक्फ बोर्ड का प्रस्ताव बेहतर है उस पर विचार होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज विश्व भारत की ओर देख रहा है। विश्व का मुसलमान चाहता है कि वहा मंदिर बने। हमारी पूरी कोशिश है कि यह मामला बातचीत से हल हो। सबको समझौते की राह पर चलना चाहिए। अयोध्या में मंदिर बने और लखनऊ में मस्जिद लेकिन बाबर के नाम पर नहीं, क्योंकि बाबर ने भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वह संतों को लड़ाना चाहते हैं ताकि इसका फायदा उन्हें मिले। जबकि संत लड़ेंगे नहीं। वह जानते हैं कि यह उनकी ही सरकार है और मंदिर भी भाजपा ही बना सकती है। बाकी दल तो इस मुद्दे को उलझाकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा मजबूत है लेकिन वह इसका हल आपसी सहमति से ही चाहती है।


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