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बिजली विभाग में गरजे भाकियू नेता

जेएनएन चन्दौसी किसानों की विभिन्न समस्याओं का शिकायत के बाद भी समाधान न होने पर भाकियू नेता आक्रोश में आ गए। गुरुवार को भाकियू प्रदेश प्रमुख महासचिव के साथ काफी किसान मुरादाबाद रोड स्थित हाइडिल पहुंचे। जहां अधिशासी अभियंता के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करके विभाग व अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही अधिशासी अभियंता को धरने पर बैठाया और जेई को खरी खोटी सुनाई। अधिशासी अभियंता को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करने की मांग की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 11:39 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:39 PM (IST)
बिजली विभाग में गरजे भाकियू नेता
बिजली विभाग में गरजे भाकियू नेता

जेएनएन, चन्दौसी: किसानों की विभिन्न समस्याओं का शिकायत के बाद भी समाधान न होने पर भाकियू नेता आक्रोश में आ गए। गुरुवार को भाकियू प्रदेश प्रमुख महासचिव के साथ काफी किसान मुरादाबाद रोड स्थित हाइडिल पहुंचे। जहां अधिशासी अभियंता के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करके विभाग व अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही अधिशासी अभियंता को धरने पर बैठाया और जेई को खरी खोटी सुनाई। अधिशासी अभियंता को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करने की मांग की।

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गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रमुख महासचिव विजेंद्र सिंह के साथ काफी पदाधिकारी मुरादाबाद रोड स्थित हाइडिल विभाग पहुंचे। जहां पर अधिशासी अभियंता के कार्यालय के बाहर धरना दिया और विभाग व अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान अधिशासी अभियंता दिनेश चंद्र अग्रवाल व जेई जयवीर धरने पर पहुंच गये। दोनों अधिकारियों को देखकर किसान नेताओं का गुस्सा फुट गया और अधिशासी अभियंता को धरने पर बैठा लिया और जेई को जमकर खरी खोटी सुनाई और हाथापाई पर उतारू हो गए, किसानों नेताओं का आक्रोश देखकर खुद को बचाकर जेई मौके से खिसक गए। किसान नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर कहा कि जेई व लाइनमैन द्वारा फर्जी सर्वे के आधार पर सामान्य योजना के लाभार्थियों के टयूबवेल कनेक्शन से वंचित करके उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में जर्जर लाइनों के कारण किसानों का जन हानि व पशु हानि के साथ शिकायतों के बाद फाल्ट को बिना सुविधा शुल्क के सही नहीं किया जाता है। किसानों को सिचाई के लिए दिन में बिजली सप्लाई दी जाए। अगर इन सभी समस्याओं का आठ दिन में समाधान नहीं किया गया। तो आगे उनको उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। इस दौरान शंकर सिंह, रामवीर सिंह,उदयवीर सिंह, खुशीराम, दिनेश यादव, राकेश यादव, गुलफाम सिंह, वीरेश यादव, चंद्रपाल यादव, मुनेंद्र सिंह, महेश यादव, संजीव यादव आदि शामिल रहें।


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