मां का आशीष लेना भूल गया, आते हुए रण में शीश भूल आया
सुनाकर कार्यक्रम की शानदार शुरुआत हुई। पहली कविता सुनकर ही उपस्थित दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गए और पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाकहट से गूंज उठा। उसके बाद जाते हुए मॉ का आशीष लेना भू्ल गया,आते हुए रण में शीश भूल आया सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। उसके उपरांत दीपावली पे
चन्दौसी: देवर खेड़ा स्थित धर्मशाला में हुए कवि सम्मेलन में कवि अनामिका अंबर ने लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने युवाओं पर भी गीत सुनाया कि मेरे कॉलेज का वो एक लड़का.वो पागल था दिवाना था। कवि कवियों ने प्रस्तुति दी। गुरुवार की देर रात तक कार्यक्रम आयोजित रहा।
अखिल भारतीय वैश्य फेडरेशन की महिला व युवा इकाई ने कोहरे के कारण यातायात में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कराया कवि युगल नाइट कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यमंत्री गोपाल अंजान व जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण व उपजिलाधिकारी महेश प्रसाद दीक्षित ने दीप प्रज्जवलित करके किया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ¨सह को उत्कृष्ठ सेवा सम्मान से सम्मानित किया।
कवि सम्मेलन की शुरूआत करते हुए अनामिका अम्बर ने पढ़ा-मेरा मन तू बने, तेरा मन मैं बनूं। ऐसे पूजू तुझे ़खुद नमन मैं बनूं। एक ही प्रार्थना है प्रभु से मेरी, हर जन्म में तेरी ही दुल्हन मैं बनूं। इस पर पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद जाते हुए मां का आशीष लेना भूल गया, आते हुए रण में शीश भूल आया, सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। इसके बाद दीपावली पे क्यूं न आए पापा इस बार सुनाया तो पूरा माहौल गमगीन बना दिया। अम्बर ने एक से बढ़कर एक कविताएं सुनाकर दर्शकों की जमकर वाहवाही लूटी।
इसके बाद सौरभ सुमन यू शेरों की मांद में आकर डर पैलाने की गीदड की औकात कहां थी आंख दिखाने की ..आंखों के रास्ते मेरे दिल में समां गया..मौसम जो पहले प्यार का आना था आ गया.. आदि सुनाकर समां बांध दिया। कविताओं पर दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया।
कानपुर से आए अमित बिहारी ने अपनी मिमिक्री से दर्शकों को हंसाया और गुदगुदाया। जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ¨सह ने अपनी कविता पाठ के द्वारा लोगों में स्फूर्ति का संचार किया। यातायात निरीक्षक अनुज मलिक ने यातायात के नियमों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सीए सचिन गुप्ता, अमित डीआर, डॉ. कविता गुप्ता, अंकित जैन, सीता अग्रवाल, रेखा रस्तोगी, पारुल रुस्तगी, सुनीता गुप्ता, अश्वनी सक्सेना, आलोक गुप्ता, पायल गुप्ता आदि का सहयोग रहा।