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रमजान को मुबारक बनाती हैं कामकाजी महिलाएं

रमजान के महीने में काम करने वाली महिलाओं की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 11:24 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 11:24 PM (IST)
रमजान को मुबारक बनाती हैं कामकाजी महिलाएं
रमजान को मुबारक बनाती हैं कामकाजी महिलाएं

सरायतरीन: रमजान मुबारक को घर में रहकर काम कराने वाली महिलाएं खास बनाती है। यह कहना है सामाजिक कार्यकर्ता नरगिस मुजीब का। रमजान के महीने में काम करने वाली महिलाओं की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। घर और बाहर की जिम्मेदारी के अलावा इस पाक महीने में रोजे रखना, इबादत करना यानी नमाज, दुआ करना, कुरान पढ़ना रमजान की रुटीन में शामिल हो जाता है। मैं अपने घर और बाहर के कामों को तीन हिस्सों में बांट देती हूं। हम लोगों की सुबह तीन बजे शुरू हो जाती है। सुबह तीन बजे उठकर रोजा रखने के लिए सहरी का इंतजाम करना, फज्र की नमाज पढ़ना, फिर कुरान की तलावत करना, फिर थोड़ी देर आराम करके घर की सफाई और इफ्तार के लिए तैयारी करना। इसके बाद अपने-अपने काम पर निकल जाना। चूंकि दोपहर में कोई खाने का मसला नहीं है, इसलिए उस वक्त को भी काम में लाना। काम खत्म करके असर यानी 3 से 4 बजे तक घर आना और इफ्तार के इंतजाम में लग जाना। इस बीच इबादत भी करते जाना। दिन भर कोशिश करना कि छोटी-छोटी इबादत जैसे तसबीह या दुआ पढ़ते रहें और अल्लाह से अपने लिए और दूसरे इंसानों के लिए सुख समृद्धि के लिए कुछ मांगना।

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