पहला रोजा मुकम्मल तो खुश हुआ फरहान
सिरसी में सात साल के फरहान का पहला रोजा मुकम्मल हुआ तो परिवार में खुशी का माहौल छा गया।
सिरसी: सात साल के फरहान का पहला रोजा मुकम्मल हुआ तो परिवार में खुशी का माहौल छा गया। भीषण गर्मी भी उसके इरादे को डिगा नहीं पाई और शाम को रोजा मुकम्मल हुआ तो फरहान के चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी। माता पिता भी बहुत खुश थे। मोहल्ले वाले भी पहले रोजे की बधाई देते नजर आ आए।
मोहल्ला शर्की निवासी मोहम्मद वसीम का सात वर्षीय बेटा फरहान कक्षा द्वितीय में पढ़ता है। वह कई दिन से अपने माता पिता से रोजा रखने की जिद कर रहा था लेकिन भीषण गर्मी के कारण घर वाले अभी रोजा रखने से मना कर रहे थे। लेकिन रात सहरी में माता पिता के साथ वह भी उठा और सहरी खाकर सो गया। उसने फज्र की नमाज पढ़ी और दोपहर में जब घर वालों ने खाना खाने को कहा तो उसने इनकार करते हुए एलान कर दिया कि उसने रोजे की नीयत कर ली है। हालांकि वह गर्मी में परेशान तो हुआ लेकिन उसने हिम्मत नहीं छोड़ी और शाम को रोजा खोलने का समय हुआ तो उसके साथ साथ सब घर वालों के चेहरे भी खुशी से खिल उठे।
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