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सड़कें बनीं और जमीन में दब गए फायर हाइड्रेंट

सरायतरीन (सम्भल) सीमित संसाधन और अधूरी तैयारी के बीच दमकल विभाग विभाग दीपों के पर्व को सकुशल निपटाने की कवायद कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 12:12 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 12:12 AM (IST)
सड़कें बनीं और जमीन में दब गए फायर हाइड्रेंट
सड़कें बनीं और जमीन में दब गए फायर हाइड्रेंट

सरायतरीन (सम्भल) : सीमित संसाधन और अधूरी तैयारी के बीच दमकल विभाग विभाग दीपों के पर्व को सकुशल निपटाने की कवायद कर रहा है। सीमित संसाधन इस वजह से कहा जा रहा है कि क्योंकि आपातकालीन स्थिति में पानी की सप्लाई करने वाले अधिकतर हाइड्रेंट अपना अस्तित्व खो चुके हैं। कुछ सड़क के नीचे दब गए तो कुछ में पानी का प्रेशर नहीं आ रहा। वहीं, अभी तक शासन से दिशा-निर्देश न मिलने के कारण दमकल अफसर सुरक्षा का पूरा खाका भी तैयार नहीं कर सके हैं। हालांकि, पहले इन फायर हाइड्रेंट को सही कराने के लिए दमकल की ओर से नगर पालिका के जल विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। वहीं, आपातकालीन स्थिति में दमकल वाहन फैक्ट्रियों या नगर पालिका के ओवरहैड टैंक व नलकूपों से पानी की सप्लाई लेने को मजबूर रहते है और इसमें समय की बर्बादी भी होती है। दीपावली का वक्त नजदीक आने के साथ ही बाजारों में इसकी रौनक नजर आने लगी है। वहीं, कुछ लोगों ने पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों ने अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाने शुरू कर दिए है। हालांकि यह बात दीगर है कि चोरी छुपे गली मोहल्ले की दुकान में अवैध रूप से पटाखों की बिक्री शुरू हो चुकी है जबकि प्रशासन ने पटाखों के लिए अभी तक मैदान को नही चुना है। स्टाफ व संसाधनों की कमी से जूझ रहा विभाग

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अब बात करें आग बुझाने के उपकरण की तो दमकल विभाग के पास एक बड़ी गाड़ी है, जिसकी क्षमता छह हजार लीटर की है। इसके साथ ही एक पोर्टेबिल पंप फायर स्टेशन पर मौजूद है, जिसका उपयोग आपात स्थिति में पानी खींचने के लिए किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ एक फायर स्टेशन प्रभारी के साथ नौ फायर मैन, दो हवलदार, दो दीवान व तीन ड्राइवर तैनात हैं जबकि यहां पर 16 फायरमैन की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन सात पद रिक्त हैं। यहां पर एक छोटी दमकल भी थी, लेकिन वह दो वर्ष पहले कंडम घोषित कर दी गई। अब पूरा तहसील क्षेत्र एक ही दमकल के सहारे है। दशकों पुराने हाइड्रेट अब हो गए गायब

सम्भल में दमकल विभाग के 14 हाइड्रेट है, जिनमें से दो हाइड्रेंट सही हैं। इसमें से एक नगर पालिका परिसर में स्थित है जबकि दूसरा जमा मस्जिद के पास है। वहां पर भीड़भाड़ व रास्ता तंग होने के कारण गाड़ी नहीं पहुंच पाती है। अन्य हाइड्रेंट में से कुछ सड़क के नीचे दब गए हैं तो कुछ बिल्कुल गायब से हो गए हैं। इन गायब हाइड्रेंट की तलाश के लिए नगर पालिका प्रशासन से दो वर्ष से लगातार पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोई समाधान नहीं हो सका है। दीपावली को देखते हुए दो सप्ताह पहले भी पालिका को पत्र लिखा गया है। मगर वही ढाक के तीन पात। जिले में फायर हाइड्रेंट की स्थिति

सम्भल में 14 फायर हाइड्रेंट हैं, जिसमें दो ही सुचारू और 12 बंद हैं। चन्दौसी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में 32 फायर हाइड्रेंट हैं, जिसमें 17 ही सुचारू व 15 बंद पड़े हैं। गुन्नौर में 10 में से पांच बंद हैं। इसके अलावा जहां ओवरहेड टैंक बना है, उसी स्थान पर एक प्वाइंट बनाया गया है। जहां से किसी भी आपात स्थिति में दमकल द्वारा पानी लिया जा सकता है। विभाग की ओर से नगर पालिका को फायर हाइड्रेंट के लिए पत्र लिखा गया है। इसके साथ ही विभाग से एक गाड़ी की मांग की गई है।

रामकुमार, स्टेशन प्रभारी अग्निशमन केंद्र सम्भल


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