दिन रात ड्यूटी करना पुलिस के तनाव का कारण
काम का दबाव पुलिस वालों का सिरदर्द बना हुआ है।
सचिन चौधरी, चन्दौसी: काम का दबाव पुलिस वालों का सिरदर्द बना हुआ है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कोई इससे अछूता नहीं है। खुद के लिए समय न निकाल पाने से पुलिस वाले तेजी से बीमारी की चपेट में तो आ ही रहे हैं साथ ही काम के घंटे निर्धारित न होना और दिन-रात की ड्यूटी पुलिस वालों का शारीरिक स्वास्थ्य तो बिगाड़ ही रही है, उनका मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। यही कारण है कि आए दिन पुलिस कर्मियों द्वारा आत्महत्या की खबरें मिलती रहती है। जबकि अगर इन्हें इस तनाव से मुक्त किया जाए तो कुछ हद तक पुलिसिग के कार्य में सुधार भी हो सकता है और ऐसी घटनाओं पर लगाम लग सकती है। क्योंकि पुलिस कर्मी द्वारा आत्महत्या करना पूरे समाज के लिए दुखदाई है। अंग्रेजों के बनाए गए पुलिस रेगुलेशन एक्ट 1861 से अभी संचालित होने वाले पुलिस कर्मियों के लिए न तो खाने का कोई समय निर्धारित है और न ही सोने का। थाने, चौकियों और पुलिस लाइन में रखी जीडी में पुलिस कर्मियों की चौबीस घंटे आमद और रवानगी होती रहती है। इन परिस्थितियों में काम करने की वजह से पुलिसकर्मी चिड़चिड़ेपन और मानसिक तनाव के शिकार हो जाते हैं। बाद में जिसका असर उनके घर-परिवार और पारिवारिक जीवन पर भी पड़ना शुरू हो जाता है। काम के दबाव के चलते पुलिस वालों का उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों का शिकार होना आम है, लेकिन अब सबसे घातक यह होने लगा है कि पुलिसकर्मी इसी तनाव के चलते खुदकुशी जैसी घटना को अंजाम दे रहे हैं। भले ही अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सम्भल जिले के सिपाही अंकित यादव ने क्यों खुदकुशी की है, लेकिन ऐसे तमाम मामले सामने आ चुके है जिन्होंने आराम व छुट्टी न मिलने के चलते खुदकुशी कर ली। इनसेट-
सप्ताह में मिलने वाली छुट्टी फरमान का अभी तक नहीं हुआ पालन
चन्दौसी: वर्ष 2016 में पुलिस विभाग में एक फरमान आया था कि पुलिसकर्मियों को तनाव से दूर करने के लिए सप्ताह में एक दिन का अवकाश दिया जाएगा, लेकिन इस फरमान का पालन अभी तक नहीं हो सका। उस समय कुछ दिनों तक कुछ पुलिस कर्मियों को अवकाश दिया गया था, लेकिन काम ज्यादा और पुलिस कम होने के चलते उन्हें अवकाश भी नहीं मिल पा रहा है। सरकार को इस तरह अब कोई ठोस कदम उठाना होगा। इनसेट-
रहने खाने की व्यवस्था में नहीं हो सका अभी तक सुधार
चन्दौसी: कुछ स्थानों पर पुलिस के लिए खाने पीने की व्यवस्था भी बेहतर नहीं है। ऐसे में तमाम क्षेत्र है यहां पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाता है और वहां उन्हें खाना तक सही नहीं मिल पाता। ऐसे स्थानों पर तैनात पुलिस कर्मियों को खाने के लिए परेशान होना पड़ता। इस तरह भी सरकार को ध्यान देना होगा।