सम्भल में भाजपा के सामने नई चुनौती बनेगा गठबंधन
। जबकि रामगोपाल यादव के सिर भी इस सीट ने जीत का ताज दिया है। वर्ष 2014 के चुनाव में यहां भाजपा का कब्जा तो हुआ लेकिन जीत का अंतर पांच हजार के करीब था। जबकि बसपा और सपा के वोट जोड़ें तो वह छह लाख से अधिक हो रहे हैं। यही स्थिति पिछले कई चुनावों की भी है। कुल मिलाकर इस सीट को बचाये रखने में भाजपा को कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। शनिवार को जब गठबंधन पर फैसला हुआ तो जिले में जहां सपाइयों ने मिठाइयां बांटीं वहीं बसपा ने भी खुशी का इजहार किया।
सम्भल : पिछले कुछ चुनाव को देखें तो सम्भल सीट हमेशा से चर्चा में रही है। वैसे तो यह सीट भाजपा की सी¨टग सीट है लेकिन यह सपा की पसंदीदा सीट रही है और खुद सपा के संरक्षक मुलायम ¨सह यादव यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं जबकि रामगोपाल यादव के सिर भी इस सीट ने जीत का ताज दिया है। वर्ष 2014 के चुनाव में यहां भाजपा का कब्जा तो हुआ लेकिन जीत का अंतर पांच हजार के करीब था। जबकि बसपा और सपा के वोट जोड़ें तो वह छह लाख से अधिक हो रहे हैं। यही स्थिति पिछले कई चुनावों की भी है। कुल मिलाकर इस सीट को बचाये रखने में भाजपा को कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। शनिवार को जब गठबंधन पर फैसला हुआ तो जिले में जहां सपाइयों ने मिठाइयां बांटीं वहीं बसपा ने भी खुशी का इजहार किया।
पिछले चुनाव को देखें तो यहां बसपा ने दो बार अपना परचम लहराया है पहली बार वर्ष 1996 ने डीपी यादव ने जनता दल के श्रीपाल ¨सह यादव को पटखनी देकर यह सीट बसपा की झोली में डाली थी। जबकि दूसरी बार वर्ष 2009 डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने सपा प्रत्याशी को हराकर इस सीट को बसपा के हिस्से में दिया था। इसके पहले वर्ष 2004 में सपा से प्रो. राम गोपाल यादव, वर्ष 1999 सपा से मुलायम ¨सह यादव, वर्ष 1998 में सपा से मुलायम ¨सह यादव ने इस सीट से जीत हासिल की थी। जबकि भाजपा ने 2014 में सीट जीती और इसके पहले वर्ष 1999 और 1998 में सपा प्रत्याशी को चुनौती देते हुए दूसरा स्थान भी हासिल किया था। इस सीट के आंकड़े देखें तो गठबंधन के बाद इस सीट पर यदि सपा व बसपा के वोट एक साथ पड़े तो गठबंधन के प्रत्याशी के जीत की राह आसान होगी। हालांकि भाजपा के दावे इससे उलट हैं। इस सीट पर पिछले चुनाव में 3 लाख 60 हजार से अधिक मत पाकर जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने मोदी के विजन को अपने चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया है। भाजपा का तर्क है कि गठबंधन बेमेल है और भाजपा विकास के बूते जीतेगी। नतीजे तो बाद में आएंगे लेकिन सम्भल में चुनावी रण भेरी बज चुकी है।
वर्ष 2014
सत्यपाल सैनी-भाजपा-360242
डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क-सपा-252640
अकीलुर्रहमान-बसपा-252640
प्रमोद कृष्णम-कांग्रेस-16034
वर्ष 2009
डॉ.शफीकुर्रहमान बर्क-बसपा-207422
इकबाल महमूद-सपा-193958
चंद्रविजय कांग्रेस-129228
चंद्रपाल-बीजेपी-123166 वर्ष 2004
रामगोपाल यादव - सपा - 357049
तरन्नुम अकील - बसपा - 158988 वर्ष 1999
मुलायम ¨सह यादव - सपा - 259430
भूपेंद्र ¨सह - बीजेपी - 143596 वर्ष 1998
मुलायम ¨सह यादव - सपा - 376828
डीपी यादव - बीजेपी - 210146 1996
डीपी यादव - बीएसपी - 183742
श्रीपाल ¨सह यादव - जनता दल - 178848 1991
श्री पाल ¨सह यादव - जनता दल - 120134
हरपाल - बीजेपी - 118429 1989
श्रीपाल ¨सह यादव - जनता दल - 215582
शांति देवी - कांग्रेस - 173085
फोटो---1,21 सपा व बसपा ने मनाई खुशी
सम्भल : सपा जिलाध्यक्ष फिरोज खां की अगुवाई में सपाइयों ने पार्टी कार्यालय पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई। यहां कहा गया कि गठबंधन हो चुका है अब भाजपा के चुनावी रथ को रोका जाएगा। उधर बसपा जिलाध्यक्ष संसार ¨सह ने भी खुशी मनाई और मिठाई खिलाई। उन्होंने कहा कि बसपा व सपा का गठबंधन प्रदेश में एक नए माहौल को बनाएगा और यह गठबंधन देश की दिशा व दशा तय करेगा।