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सम्भल से सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क बोले-मस्जिद में सामूहिक नमाज से ही भागेगा कोरोना

COVID-19 in UP योग गुरु बाबा रामदेव के बाद अब सम्भल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने एंटी कोरोना फॉर्मूला खोज लिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 12:46 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 04:31 PM (IST)
सम्भल से सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क बोले-मस्जिद में सामूहिक नमाज से ही भागेगा कोरोना
सम्भल से सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क बोले-मस्जिद में सामूहिक नमाज से ही भागेगा कोरोना

सम्भल, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार से विश्व भर के लोग बेहाल हैं। इसका निदान खोजा जा रहा है। विश्व के नामी वैज्ञानिक इसका टीका खोजने में लगे हैं जबकि समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क का दावा है कि मस्जिदों में नमाज पढऩे से ही कोरोना भागेगा। अगर इससे निजात पानी है तो सरकार को मस्जिदों में नमाज की इजाजत देनी चाहिए। 

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योग गुरु बाबा रामदेव के बाद अब सम्भल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने एंटी कोरोना फॉर्मूला खोज लिया है। डॉ. बर्क का दावा है कि मस्जिद में नमाज पढऩे से कोरोना वायरस भाग जाएगा। समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ शफीकुर रहमान बर्क ने ईद- उल-जुहा पर नमाज अदा करने को लेकर अजीबो गरीब बयान दिया है। समाजवादी पार्टी सांसद डॉ शफीकुर्र रहमान बर्क ने कहा है कि अगर देश से कोरोना भगाना है कि मुस्लिम लोगों को मस्जिदों से नमाज अदा करने की इजाजत देनी होगी।

उन्होंने कहा कि अल्लाह हमें माफ करें। हम दुआ करेंगे कि हम उसी के बंदे हैं। मजहब अलग है, लेकिन इंसान तो सब हैं। अपील है कि यदि हम दुआ करेंगें। मस्जिद में दुआ करेंगे। ईदगाह खुली होगी तो तभी संभव है। दुनिया परेशान है। गरीब मर रहा है। भुखमरी है। यदि अल्लाह हमें माफ करे तो बीमारी भी भग जाएगी। उम्मीद है कि दिल से अपनी खताओं की दुआ मांगेंगे तो वह सबको माफ कर देंगे। मुल्क का एक-एक आदमी महफूज हो जाएगा। यह बेहतरीन मौका है दुआ करने का।

बकरीद मौका, अल्लाह से दुआ मांगने पर खत्म हो जाएगा कोरोना

सपा सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने कहा कि बकरीद त्योहार मुसलमानों का मुकद्दस त्योहार है। इसमें कुर्बानी की जाती है। अल्लाह को सबसे ज्यादा पसंद कुर्बानी है। यह निश्चित है कि प्रदेश में सोच-समझकर शनिवार व रविवार को बंदी निर्धारित किया गया है। इसे हर हाल में हटाया जाना चाहिए। इस त्योहार पर मुसलमान नमाज भी सभी मिलकर पढ़ते हैं। जब तक मस्जिद नहीं खुलेगी, ईदगाह में नमाज नहीं होगी। तब तक बीमारी नहीं भागेगी। मुसलमान इस त्योहार पर मिलकर नमाज पढ़ते हैं। यह लंबे समय से चला आ रहा है। घरों में तो अकेले पढ़ सकते हैं लेकिन बकरीद में ऐसा नहीं है। 

उन्होंने कहा कि कुर्बानी के लिए जानवर चाहिए और बाजार बंद हैं। ऐसे में खरीददारी कैसे होगी। पुलिस भी लोगों को परेशान न करे। पानी का इंतजाम हो। बिजली का इंतजाम हो। कोरोना को हम बीमारी नहीं समझ रहे हैं। आज इसके बचाव की दवा या वैक्सीन भारत ने नहीं बनाया है तो क्या अब तक विश्व के किसी देश ने वैक्सीन नही बनाया, दवा नहीं बनाई है। यानी इतना दिन हो गया है और अब तक दवा नहीं बन पाई है। यानी साफ है कि यह अल्लाह का अजाब है। अजाबे इलाही है। आज देशों में ज्यादती जुल्म हो रहे हैं। गरीब को परेशान कर रहे हैं। नफरत फैलाई जा रही है। इन सारी चीजों को दूर करने के लिए हम एक हो। सारा मुसलमान अल्लाह के दरबार में जब इकट्ठा होगा, रो रोकर आंसू बहाएगा। दुआ करेगा कि अल्लाह सबकी खताओं को माफ कर दो। हिंदुस्तान के हर किसी के लिए दुआ मांगी जाएगी। इससे निजात तभी मिलेगी जब तक हमें अल्लाह माफ न कर दे। ज्यादा दिन हो गए इस बीमारी के। जब भी सरकार के सामने इलाज का मौका आ रहा है तो वह कवर नहीं कर पा रही है। सरकार रोकने में विफल है। ऐसे में हिंदू भी अपनी इबादत करे। दूसरे भी अपने धर्म के अनुसार इबादत करें।


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