दिव्यांगता को मात देकर जिंदगी की जंग लड़ रहे मूकबधिर सुनीत ने कोरोना को हराने की ठानी
Corona Fighters लॉकडाउन हो गया तो खुद ही अपना काम बंद कर दिया और गरीबों के लिए एक नया संकल्प ले लिया। कहते हैं कि फायदे नुकसान से बड़ा जीवन है। यही सच और सनातन है।
सम्भल के चन्दौसी से सचिन चौधरी। Corona Fighters: दिव्यांगता को मात देकर जिंदगी की जंग लड़ रहे मूकबधिर सुनीत कुमार ने कोरोना को हराने की ठानी है। संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सिलाई छोड़कर अब मॉस्क बनाना शुरू कर दिया है। कीमत भी इतनी कम है कि लाभ की कोई गुंजाइश तक नहीं। बाजार में सबसे कम कीमत का 20 रुपये का मास्क है। वह खुद बनाए मॉस्क को पांच रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं।
फायदे-नुकसान से बड़ा जीवन : उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले के शहर चन्दौसी के गोपाल मुहल्ले निवासी सुनीत बचपन से ना सुन सकते हैं और ना ही कुछ बोल सकते हैं। अपनी धुन के पक्के हैं और लिखकर सब बता देते हैं। घर में ही कपड़ों की सिलाई का काम करके परिवार को पालते हैं। लॉकडाउन हो गया तो खुद ही अपना काम बंद कर दिया और गरीबों के लिए एक नया संकल्प ले लिया। कहते हैं कि फायदे नुकसान से बड़ा जीवन है। यही सच और सनातन है।
मास्क बनाते हैं फिर लोगों तक पहुंचाते हैं : दस से 15 रुपये में आने वाला मास्क 20 से 30 रुपये में बिक रहा है। शहर में आसानी से उपलब्ध तक नहीं है तो गांव में तो सवाल ही नहीं है। सुनीत की बेटी अर्पणा बताती हैं कि ग्रामीणों द्वारा मास्क नहीं खरीद पाने लाचारी देखकर पिताजी ने सस्ते मास्क देने का काम शुरू किया। रात में पत्नी के साथ मिलकर मास्क बनाते हैं और दिन में साइकिल से गांव-गांव में बेचने निकल जाते हैं। वो बताती हैं कि जो लोग पांच रुपये भी नहीं दे सकते, उनको वो मास्क निश्शुल्क भी दे दिया जाता है।
अब तक 800 मास्क के हो चुकी है बिक्री : लॉकडाउन के बाद सुनीत और उनकी पत्नी मॉस्क ही बनाते हैं। बेटा शुभम भी कपड़ा काटने में मदद करता है। पांच रुपये प्रति मास्क के हिसाब से अब तक वह 800 मास्क बेच चुके हैं। परिवार में पत्नी बेटा शुभम और बेटी अपर्णा है।