अकीदत और एहतराम से मनाया ह•ारत अली का यौमे विलादत
पैगम्बरे इस्लाम ह•ारत मोहम्मद के दामाद और शिया समुदाय के पहले इमाम मौलाए कायनात हजरत अली अलैहिस्सलाम का यौमे विलादत धूमधाम से मनाया। जिसमें उलामाओं ने हजरत अली के जीवन पर प्रकाश डाला और लोगों उनके बताये हुए रास्ते पर चलने का आह्वना किया।
सिरसी: शिया समुदाय के पहले इमाम मौलाए कायनात हजरत अली अलैहिस्सलाम का यौमे विलादत धूमधाम से मनाया। जिसमें उलामाओं ने हजरत अली के जीवन पर प्रकाश डाला और लोगों उनके बताये हुए रास्ते पर चलने का आह्वान किया। गुरुवार को हजरत अली के जन्म दिन के अवसर पर घरों, मस्जिदों और इमामबारगाहों को सजाकर चरागा किया और नात ख्वानी और मनकबत की महफिले आयोजित की गई जिसमें उलेमाओं ने उन्होंने कहा कि मौला अली ने इल्म हासिल करने के लिए गरीबों, मजलूमों का साथ दिया और जालिम की मुखालफत का दर्स दिया है। मौला अली की पूरी जिदगी तमाम इंसानों के लिये नमुनये अमल है। हजरत अली की विलादत 13 रजब को काबे में और शहादत 21 रमजान को मस्जिदे कूफा (इराक ) में हुई। अली डे पर मस्जिद मोहल्ला सादात में आयोजित महफिल की शुरुआत मौलाना मुनव्वर रजा ने हदीसे किसा की तिलावत से की। मौलाना मीसम अब्बास मु•ाफ्फर नगरी व मौलाना इकरार रजा ने मौला अली के फजाइल ब्यान किये। इस दौरान डॉ. शोजब, असद अब्बास, फिरोज, मौलाना मुशीर हुसैन, मोहम्मद शुऐब जैदी आदि मौजूद रहे।
दूसरी ओर इमामबारगाह गर्बी में भी इदराये जवानाने अली अकबर की ओर से आयोजित महफिल में हदीसे किसा की तिलावत आफताब अहमद दालानी ने की स्थानीय शायरों ने मौला अली की शान में अपना कलाम प्रस्तुत किया इस दौरान मौलाना समर अब्बास, चांद बाबू, तासीर, शरद अब्बास, चौधरी हनी, फैसल अब्बास, शौबी आदि रहे।