शौचालय नहीं बनवाने पर सम्भल में 45 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पहली किश्त भी ली फिर भी नहीं बनवाए थे शौचालय, नोटिस जारी होने के बाद जवाब नहीं देने पर प्रशासन ने उठाया कदम।
सम्भल (जेएनएन) । चन्दौसी में शौचालय बनवाने के लिए धनराशि लेने के बावजूद निर्माण नहीं कराने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। नगर पालिका के ईओ ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर 45 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
शहर में सैकड़ों लाभार्थियों ने पहली किस्त मिलने के बावजूद शौचालय निर्माण नहीं कराए। जिलाधिकारी के निर्देश पर अभी हाल ही में पालिका ने ऐसे लाभार्थियों के चिह्नित करने के लिए अभियान चलाया। इनमें तमाम ऐसे लोग सामने आए, जिन्होंने रुपये लेने के बाद भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया था। इसके बाद पालिका की तरफ से सभी को नोटिस जारी किए गए।
नोटिस जारी होने पर कुछ लोगों ने पालिका में पहुंचकर बताया कि हमारे घर में शौचालय निर्माण के लिए स्थान नहीं है। इसलिए शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने सुलभ शौचालय का इस्तेमाल करने का पालिका को भरोसा दिलाया। शहर के 45 लोगों ने नोटिस जारी होने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। कोतवाल रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी के खिलाफ धनराशि हड़पने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
ईओ अमिता वरुण ने पुष्पा देवी, अर्मतपुरी, रामसुमेरी, रामप्रकाश, वीर सिंह, अनिल कुमार, सुमन, महावीर सिंह, तारावती देवी, सुरेश कुमार, तारा देवी, राखी, ऊषा, रमेश, गंगा सोनी, मोरवती, ओमवती, बबली, ओमवती, सुदामा, द्रोपदी, प्रेम सिंह, शिवनंदन, अनीता, ओमवती, महेंद्री, लीलावती, सुभाषचंद्र, कैलाश, गीता, प्रवेश, सतीश, कुंती, सचिन, सीमा, संतोष, ऊषा, सूरजमुखी, गुड़िया, सूरजमुखी, लक्ष्मी, सुमन, लटूरी, मसुल निशा, विलासों, सावित्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कोतवाल रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी के खिलाफ धनराशि हड़पने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
चार हजार रुपये की आई थी पहली किस्त
शहर में शौचालय बनाने के लिए सरकार की तरफ से आठ हजार रुपये दिए जा रहे हैं। यह रुपये दो किस्तों में दिए जाते है। पहली किस्त मिलने के बाद लाभार्थियों को शौचालय निर्माण कार्य शुरू करना होता हैं। इसके बाद जब शौचालय निर्माण कार्य पूरा हो जाता है। उसके बाद दूसरी किस्त के चार हजार रुपये भी दे दिए जाते हैं। चन्दौसी में 45 लोगों को चार-चार हजार रुपये मिल तो गए, लेकिन शौचालय निर्माण का कार्य शुरू नहीं कराया।