बैंकों की हड़ताल से परेशान रहे लोग
सम्भल : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तत्वावधान में दूसरे दिन भी जिले भर की सभी राष्ट्रीयकृत बैंक
सम्भल : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तत्वावधान में दूसरे दिन भी जिले भर की सभी राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा बंद पड़ी रही। दूसरे दिन भी लोग बैंकों से रुपये निकालने के लिए बैंकों तक पहुंचे लेकिन रुपये न मिलने के चलते लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। सभी बैंक कर्मचारियों के हड़ताल के चलते जिले की लगभग 40 बैंक शाखाओं में 300 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंक कर्मचारियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
जिले भर में दूसरे दिन भी बैंकों की हड़ताल के चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। दो दिन से रुपये न मिलने के चलते लोग रुपये के लिए परेशान हो गए है। बैंकों में काम के लिए लोगों के आने का सिलसिला जारी रहा। इनमें ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा थी। हड़ताल के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन लोगों ने जब बैंकों में ताले लगे देखे तो वे वापस लौट गए।
बैंक के नेताओं ने कहा कि अगर हमारी मांगें शीघ्र पूरी नहीं की जाएंगी, तो केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। इस अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक आरके ¨सह ने कहा कि वेतन समझौते समेत कई मांग लंबित हैं। जिसे तत्काल लागू किए जाने की मांग कर्मचारियों द्वारा की जा रही है, लेकिन इसके बाद भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं में 50 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है। स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक ने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हम लोग हड़ताल रहे। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में स्टेट बैंक का लगभग दस करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है। बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक ने बताया कि जिले में हमारी पांच शाखा है। पांचों शाखाओं पर लगभग 12 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है।
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दूसरे दिन भी एटीमएम बने शोपीस, लोग रुपये के लिए तरसे
सम्भल: बैंक बंद होने के बाद लोगों के पास एक मात्र साधन एटीएम रह गए थे, लेकिन दूसरे दिन भी बैंकों की हड़ताल के चलते एटीएम शोपीस बन गए। किसी तरह बुधवार को तो लोगों ने अपना काम चला लिया था, लेकिन दूसरे दिन भी बैंक बंद होने के चलते अधिकांश लोगों ने एटीमए की तरफ अपना रुख किया, लेकिन एटीएम में रुपये न होने के चलते लोगों को निराशा हाथ लगी।