Move to Jagran APP

मां के बाद बेटे सतीश को भी लोगों ने चंदा एकत्र कर किया अंतिम संस्कार

हयातनगर थाना क्षेत्र के गांव बैनीपुर में चौकीदार सतीश का शव पोस्टमार्टम के बाद गांव में पहुंचा तो हर किसी की आंख नम हो गई। उसकी मौत से गांव का हर व्यक्ति दुखी है। क्योंकि परिवार गरीब है। आठ दिन पहले ही आर्थिक तंगी की वजह से उपचार न करा पाने से सतीश की मां बिरमा देवी की मौत हुई थी। आठ दिन के भीतर परिवार में दो मौत हो गई। लोगों ने आपस में चंदा एकत्र कर उसके शव का अंतिम संस्कार किया। जिम्मेदारों ने गांव में जाने तक की सुध नहीं ली।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 11:50 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 11:50 PM (IST)
मां के बाद बेटे सतीश को भी लोगों ने चंदा एकत्र कर किया अंतिम संस्कार
मां के बाद बेटे सतीश को भी लोगों ने चंदा एकत्र कर किया अंतिम संस्कार

सम्भल: हयातनगर थाना क्षेत्र के गांव बैनीपुर में चौकीदार सतीश का शव पोस्टमार्टम के बाद गांव में पहुंचा तो हर किसी की आंख नम हो गई। आठ दिन पहले ही आर्थिक तंगी की वजह से उपचार न करा पाने से सतीश की मां बिरमा देवी की मौत हुई थी। लोगों ने चंदा एकत्रकर शव का अंतिम संस्कार किया।

loksabha election banner

क्षेत्र के गांव बैनीपुर निवासी सतीश यादव (24) अपने साले गांव रायपुर निवासी बलवीर के साथ शनिवार को भूमि पट्टे के चक्कर सम्भल आया था। दोपहर के बाद घर लौटते समय आदमपुर मार्ग पर गांव बैनीपुर और मोतीनगर के बीच तेज रफ्तार टाटा मैक्स ने टक्कर मार दी। इससे सतीश की मौके पर मौत हो गई थी। आठ दिन पहले सतीश की मां बिरमा देवी की उपचार न मिल पाने की वजह से मौत हुई थी। परिवार में सतीश ही अकेला कमाने वाला था। उसकी कमाई से परिवार का पालन पोषण भी नहीं हो पाता था। रविवार को जब सतीश का शव गांव में पहुंचा तो हर किसी की आंख से आंसू छलक रहे थे। हर कोई उसकी मौत से दुखी था। लोगों की मदद से ही उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया। किसी भी अधिकारी ने गांव में जाने तक की हिम्मत नहीं जुटाई।

पत्‍‌नी व बच्चों का रो रोकर बुरा हाल

-पत्नी का रो- रोकर यहीं कहना था कि अब बच्चों की परवरिश कौन करेगा। अब उसकी पत्नी रामकली व बेटी धनीता, प्रांशी, पाली, कंचन व बेटा शुभांशु का रो-रोकर बुरा हाल है। आखिर पीड़ित परिवार को कब मिलेगा भूमि पट्टा

सम्भल: तहसील क्षेत्र के गांव बैनीपुर में आर्थिक तंगी की वजह से बिरमा देवी की मौत हुई तो जिम्मेदारों ने भूमि पट्टा दिलाने का आश्वासन दिया। आठ दिन तक मृतक बिरमा देवी का बेटा सतीश अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटता रहा। इसके बाद भी उसे भूमि पट्टा नहीं मिल सका। भूमि पट्टे के लिए दौड़ में सतीश को भी हादसे में अपनी जान गवांनी पड़ गई। गरीब परिवार था और ऐसा कहर कि आठ दिन में दो सदस्यों की मौत हो गई। परिवार में अब पत्नी व पांच बेटी और एक बेटा है। पीड़ित परिवार को सरकार से आवास भी नहीं मिल सका है और न ही राशन कार्ड बना हुआ है। उपजिलाधिकारी दीपेंद्र यादव का कहना है कि पीड़ित परिवार को सरकार से आर्थिक मदद दिलाई जाएगी। भूमि पट्टे के लिए लेखपाल को आदेश दे दिए है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.