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तीन यांत्रिक कारखानों का स्लाटर हाउस सीज

सम्भल । प्रदेश सरकार की मंशा को भांपते हुए जिला प्रशासन ने बूचड़खानों के बाद यांत्रिक कारखानों पर सख्

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)
तीन यांत्रिक कारखानों का स्लाटर हाउस सीज
तीन यांत्रिक कारखानों का स्लाटर हाउस सीज

सम्भल । प्रदेश सरकार की मंशा को भांपते हुए जिला प्रशासन ने बूचड़खानों के बाद यांत्रिक कारखानों पर सख्ती बढ़ा दी है। शनिवार को डीएम ने मुरादाबाद रोड पर स्थित तीन यांत्रिक कत्लगाहों को निरीक्षण के दौरान मानकों की अनदेखी पर सीज कर दिया गया। इस कार्रवाई से मीट व्यापारियों के साथ ही क्षेत्र के दिग्गज सपा और बसपा नेताओं में भी हड़कंप मच गया है। लोगों का कहना है कि इन फैक्ट्रियों में इन नेताओं की भी भागीदारी है।

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सीओ लाइन अफसर अब्बास जैदी के साथ जिलाधिकारी मुरादाबाद मार्ग पर गांव चिमयावली में स्थित मीट फैक्ट्री पर पहुंच गए। उनके साथ तहसीलदार श्रवण कुमार राठौर व नायब तहसीलदार नितिन तनेजा भी शामिल थे। सबसे पहले अधिकारी इंडियन फ्रोजन फूड में पहुंचे। उन्होंने फैक्ट्री का निरीक्षण करते हुए उसके दस्तावेजों की जांच की। इसके बाद अधिकारियों की टीम ने अल रहमान फ्रोजन फूड़ व अल फलाह फ्रोजन फूड में भी छापेमारी कर पूरी फैक्ट्री का निरीक्षण करते हुए उसके दस्तावेजों की जांच की और केंद्र सरकार के अपेटा के तहत ईटीपी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमाण पत्रों को देखा।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने फैक्ट्री संचालकों से वहां पर लगे सीसीटीवी की फुटेज उपलब्ध कराने को कहा। संचालक, अधिकारियों को फुटेज नहीं दिखा सके। इस पर डीएम ने खुद ही सीसीटीवी फुटेज के लिए वहां पर लगे कंप्यूटर को खंगालना शुरू किया, लेकिन उन्हें पिछले कई दिनों की फुटेज नहीं मिल सकी। डीएम ने संचालकों से 20 से 23 मार्च के बीच की फुटेज भी मांगी जिसे वह नहीं दिखा सके। फुटेज न मिलने से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि फैक्ट्री में कब और कितने पशुओं का कटान होता है। कहीं इनमे संरक्षित पशुओं को तो नहीं काटा जा रहा है।

ऐसे में डीएम ने मानक के अनुरूप फैक्ट्री का संचालन न किए जाने पर रोष जाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दे दी। अचानक देर शाम को एडीएम आरपी यादव, एएसपी राममूरत यादव, तहसीलदार श्रवण कुमार राठौर, नायब तहसीलदार नितिन तनेजा व कोतवाल ब्रजमोहन गिरी भारी पुलिस व पीएसी के साथ फैक्ट्रियों पर पहुंचे और तीनों यांत्रिक कारखाने के स्लाटर हाउस को सीज कर दिया।

गेट खोलने में की गई थी देरी : जब अधिकारी सीज करने के लिए शाम को पहुंचे तो फैक्ट्री में काफी देर बार मुख्य गेट खोला गया। हालांकि इस बीच में वह अंदर की व्यवस्था की सही करने में जुट गए थे। यहां गेट कीपर से अधिकारियों की नोक झोंक भी हुई और अफसरों ने उसे डांटा भी था। उधर इंडियन फ्रोजन के मालिक हाजी इरफान ने सीज करने का कारण पूछा तो अधिकारियों से उनकी तनातनी भी हुई। इरफान का कहना है कि उनके पास सारे कागजात हैं फिर भी इसे सील किया जा रहा है।

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लीक हो गई थी निरीक्षण की सूचना

सम्भल : डीएम की कार्रवाई से पहले ही किसी कर्मचारी या अधिकारी ने इस सूचना को लीक कर दिया था। ऐसे में जब अधिकारी फैक्ट्री पर पहुंचे तो वहां पूरी तरह सफाई थी। उन्हें लगा था कि अफसर केवल सफाई व्यवस्था देखने आ रहे हैं।

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कटान के लिए खड़ी थी 81 भैंसें

सम्भल : जब अधिकारी निरीक्षण को पहुंचे तो अल फलाह फैक्ट्री परिसर में 81 भैंसें खड़ी थीं। इन्हें कटान के लिए लाया गया था। जबकि इस फैक्ट्री की क्षमता हर दिन की 150 जानवर काटने की है। हालांकि शेष दो फैक्ट्रियों में कोई भी जानवर नहीं मिला। यहां पूरी तरफ साफ सफाई थी जबकि अलरहमान फ्रोजन फ्रूड की क्षमता 400 व इंडियन फ्रोजन फूड की क्षमता 350 है।


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